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वाहो, वाहो गुरु गोविंद सिंह आपे गुर चेला..

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव पर रविवार को टेल्को से सा

By Edited By: Published: Mon, 09 Jan 2017 02:49 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jan 2017 02:49 AM (IST)
वाहो, वाहो गुरु गोविंद सिंह आपे गुर चेला..

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव पर रविवार को टेल्को से साकची तक निकले नगर कीर्तन में वाहो, वाहो गुरु गोविंद सिंह आपे गुर चेला.., मितर प्यारे नू हाल मुरिदा द कैणा., मैं हूं परम पुरख का दासा, देखन आयो जगत तमाशा.., आदि भजनों से माहौल भक्तिमय हो गया। नगर कीर्तन जैसे ही आरडी टाटा गोलचक्कर के समीप पहुंचा, हेलीकॉप्टर से पालकी साहिब पर पुष्प वर्षा होने लगी। टेल्को गुरुद्वारा से सुबह करीब सवा बारह बजे पालकी साहिब की रवानगी हुई। रवानगी से पहले अकाली दल के जत्थेदार भाई जरनैल सिंह ने अरदास की। शाम को नगर कीर्तन की समाप्ति अरदास भी भाई जरनैल सिंह ने की। इस मौके पर अतिथि के रुप में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, सांसद विद्युत वरण महतो, टाटा मोटर्स के प्लांट हेड एबी लाल, टाटा हिताची के एमडी संदीप सिंह, विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल, सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह, चेयरमैन शैलेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे। टेल्को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से अतिथियों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।

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तीन किलोमीटर लंबा था नगर कीर्तन

नगर कीर्तन में शामिल छोटे-छोटे स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कतारबद्ध तरीके से गुरवाणी कीर्तन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। नगर कीर्तन करीब तीन किलोमीटर लंबा था। आगे-आगे चल रही गुरमत प्रचार सेंटर की टीम में शामिल बच्चे डॉक्टर, वकील, पत्रकार, पुलिस, शिक्षक सहित अन्य किरदारों की वेशभूषा में थे। प्रचार सेंटर के अधिकारियों ने सवाल किये तो बच्चों ने विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया। बच्चों के साथ प्रचार सेंटर के हरविंदर सिंह जमशेदपुरी, सुखविंदर सिंह, रसपाल सिंह, तरसेम सिंह, विक्रमजीत सिंह आदि शामिल थे। वहीं मंजीत कौर, जसविंदर कौर, परमजीत कौर व रंजीत कौर ने नगर कीर्तन में कविता पाठ किया। गुरमत प्रचार सेंटर के पीछे साकची गतका टीम के सदस्य करतब दिखा रहे थे। इसके पीछे धर्म प्रचार कमेटी की टीम गुरु गोविंद सिंह जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए चल रही थी। इनकी दूसरी टीम गतका का प्रदर्शन कर रही थी जबकि तीसरी टीम में शामिल बच्चों ने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिसपर गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन से जुड़ी बातें लिखी थीं।

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अमृतसर के घुड़सवार थे आकर्षण का केंद्र : अमृतसर से आये दल बाबा विदी चंद के साथ करीब 41 घोड़ों का दल था। ये नगर कीर्तन में साथ-साथ चल रहे थे। इसके पीछे इसी दल की गतका टीम थी, जो हैरतअंगेज करतब दिखा रही थी। फिर जबलपुर से आये श्याम ब्रास बैंड की 50 सदस्यीय टीम थी, जो बैंड बजाते हुए आगे बढ़ रही थी। घोड़े और श्याम ब्रास बैंड नगर कीर्तन में आकर्षण का केंद्र रहे। स्कूली बच्चे कीर्तन गायन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। बच्चों के पीछे पालकी साहिब चल रही थी और पालकी साहिब के पीछे स्त्री सत्संग सभा की टीम व संगत चल रही थी।

फूलों के ऊपर से गुजर रही थी पालकी साहिब

सिख जागृति मंच के अध्यक्ष जसवंत सिंह के नेतृत्व में मंच के सदस्य पालकी साहिब के आगे सड़क को वाइपर की मदद से साफ किया जा रहा था। इसके बाद सड़क पर पानी का छिड़काव हो रहा था। सड़क पर फूलों की बारिश हो रही थी, जिसके ऊपर से पालकी साहिब गुजर रही थी। कई संगत अपने घरों से खुद का वाइपर लेकर भी पहुंचे थे।

पालकी साहिब में थे पंज प्यारे

पालकी साहिब में अकाली दल के पंज प्यारे भाई गुरदीप सिंह, भाई रविंदर सिंह, भाई हरजीत सिंह, भाई रविंद्रपाल सिंह, भाई प्रीतपाल सिंह, भाई रामकिशन सिंह, भाई जसवीर सिंह व जत्थेदार भाई जरनैल सिंह व भाई सुखदेव सिंह खालसा मौजूद थे। पालकी साहिब में अकाली दल के कुल 15 भाई साहब थे।

नगर कीर्तन में शामिल संस्थाएं

धार्मिक स्कूल : 17

मिडिल स्कूल : 11

हाई स्कूल : 6

स्त्री सत्संग सभा : 31

कीर्तनी जत्था 17

गतका टीम : 2

जज : आठ

सफेद पैंट-शर्ट में थे नौजवान सभा के सदस्य

नगर कीर्तन में शामिल नौजवान सभा के सदस्य सफेद पैंट-शर्ट व केसरिया पगड़ी में यातायात नियंत्रण कर रहे थे। स्त्री सत्संग सभा की सदस्यों ने सफेद सलवार कमीज व केसरिया चुन्नी ले रखी थी।

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ये सेवा बाटी गई थी यूनिटों में

-नगर कीर्तन की फ्रंट सेवा (ट्रैफिक कंट्रोल) : आजादबस्ती व बारीडीह।

-पालकी साहिब के पीछे रस्सी की सेवा : आजादबस्ती एवं जुगसलाई।

-किनारा कंट्रोल पालकी साहिब के पीछे से अंत तक : कीताडीह एवं तारकंपनी, किनारा कंट्रोल फ्रंट से पालकी साहिब तक (दायें): मनीफीट, टिनप्लेट, बिरसानगर, साकची। बायें : टुइलाडुंगरी, टेल्को, मानगो, सोनारी, सीतारामडेरा।

पालकी साहिब में मत्था टेक रहे थे लोग

पालकी साहिब आते ही संगत मत्था टेकने के लिए आगे बढ़ रही थी। मत्था टेकने के बाद पालकी साहिब में बैठे अकाली दल के ग्रंथी बतासा व लड्डू का प्रसाद बांट रहे थे। नगर कीर्तन देखने के लिए संगत पहले से ही दरी व चादर बिछा कर पालकी साहिब का इंतजार कर रही थी।

40 से ज्यादा बने तोरणद्वार

टेल्को से साकची गुरुद्वारा की ओर बढ़ रहे करीब तीन किलोमीटर लंबे नगर कीर्तन के स्वागत के लिए 40 से ज्यादा तोरणद्वार बनाये गये थे। नगर कीर्तन के गुजरने वाले रास्तों में विभिन्न संगठनों ने शिविर लगाये थे। शिविर के सदस्यों ने नगर कीर्तन में शामिल बच्चों व बुजुर्गो के बीच सेव, संतरा, केला, बिस्कुट, मिठाई चॉकलेट व चाय का वितरण किया।

सभी गुरुद्वारों में हुआ कीर्तन दरबार का आयोजन

शहर के लगभग सभी गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया और लंगर की सेवा संगत के बीच बांटी गई। साकची सहित कई गुरुद्वारों में अतिथियों को सम्मानित भी किया गया।


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