कस्तूरबा में पड़े खाने को लाले, सप्लायरों ने की आपूर्ति
राज्य सरकार के सबसे सफल विद्यालयों में से एक कस्तूरबा विद्यालयों की व्यवस्था चरमारा गई अै।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : राज्य सरकार के सबसे सफल विद्यालयों में से एक कस्तूरबा विद्यालयों में व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। पूर्वी सिंहभूम के कस्तूरबा विद्यालयों और उसी तर्ज पर चल रहे झारखंड बालिका आवासीय बालिका विद्यालयों में खाने के लाले पड़ गए है। आपूर्तिकर्ताओं ने इन विद्यालयों की आपूर्ति बंद कर दी है। इसकी जानकारी आपूर्तिकर्ताओं ने मंगलवार को शिक्षा विभाग को दे दी है।
आपूर्तिकर्ता ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक को सौंपे गए आवेदन में बताया गया है कि टेंडर के माध्यम से उन्हें सामाग्री की आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले वर्ष मार्च माह में यह टेंडर मिला था। तब से उन्हें अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। कुल दो करोड़ 25 लाख रुपये बकाया हैं। अब उनकी हिम्मत जवाब दे चुकी है। बुधवार से बकाया राशि नहीं मिलने तक आगे विद्यालयों की आपूर्ति नहीं होगी। बकाया राशि के लिए कई बार विभाग को अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ये आपूर्तिकर्ता खाद्यान्न के अलावा अन्य आवश्यक सामाग्री की आपूर्ति करते हैं।
शिक्षकों का वेतन भी चार माह से नहीं मिला :
कस्तूरबा विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन भी चार माह से नहीं मिला है। इस कारण शिक्षक भी परेशान है। विद्यालय का एकाउंट भी पूरी तरह शून्य हो गया है। शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षक दबी जुबान से कह रहे हैं इतनी विकट स्थिति कभी नहीं आई।
क्यों पैदा हुई ऐसी स्थिति : दरअसल कस्तूरबा विद्यालयों के संचालन के लिए के आवश्यक आधी राशि जिला को भेजी जाती थी। इस बार से यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब सारा कुछ स्टेट देख रहा है। इस कारण स्थानीय शिक्षा विभाग राशि व्यय करने में अक्षम है।
यह भी जानें :-
-कुल 9 कस्तूरबा गाधी आवासीय बालिका विद्यालय
-कुल 2 झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय
-इन विद्यालयों में कुल 5000 छात्राएं अध्ययनरत हैं
किसके कितने रुपये बाकी :
कमला इंडस्ट्रीज : 40 लाख
परवल ब्रदर्स : 20 लाख
सुरेश कुमार अग्रवाल : 50 लाख
वीके कॉरपोरेशन 45 लाख
बालाजी ट्रेडर्स : 40 लाख
गणेश भंडार : 50 लाख
'राज्य को इसकी जानकारी दे दी गई है। पत्र लिखकर राशि आवंटन की माग की गई है। विद्यालयों के संचालन में कठिनाई तो हो रही है। आपूर्तिकर्ताओं के आपूर्ति बंद करने की सूचना उन्हें भी प्राप्त हुई है।
- विनीत कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम।