नेपाल में भूस्खलन की चपेट में आया पोटका का इंजीनियर कमलोचन महतो, मौत
नेपाल में भूस्खलन में झारखंड के हल्दीपोखर गांव का एक मैकेनिकल इंजीनियर कमलोचन महतो (32) बह गया। उसकी मौत हो गई। घटना 15 जून रात्रि लगभग 8 बजे घटी। युवक की मौत की खबर गांव पहुंची तो शाेक की लहर दौड गइ।
पोटका (पूर्वी सिंहभूम), जासं। नेपाल में भूस्खलन में झारखंड के हल्दीपोखर गांव का एक मैकेनिकल इंजीनियर कमलोचन महतो (32) बह गया। उसकी मौत हो गई। घटना 15 जून रात्रि लगभग 8 बजे घटी। युवक की मौत की खबर गांव पहुंची तो शाेक की लहर दौड गइ।
जानकारी अनुसार हल्दीपोखर का बीटेक इंजीनियर कमललोचन भारत के प्रेसेजियन इन्फ्राटेक लिमिटेड-पीआइएल में मुख्य अभियंता के पद पर कार्यरत था। पीआइएल नामक यह कंपनी बड़े नदियों पर बांध बनाकर हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन हेतु काम करता है। कंपनी का भारत और नेपाल में इन दिनों काम चल रहा है। घटना के वक्त कमललोचन कंपनी के आदेश पर अपने अधीन कई कर्मचारियों के साथ नेपाल के सिंधुपाल चौक, हेलांबु,अं बाथान में मेलाम्चि नारायण नदी पर हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर का काम कर रहे थे। इसी क्रम में अचानक भूस्खलन हुआ और 10 भारतीय इसकी चपेट में आकर बह गए। इनमें काफी प्रयास कर सात लोगों को जिंदा निकाला गया जबकि तीन की मौत हो गई। तीन मृतकों में कमललोचन महतो भी शामिल हैं। दुर्घटना की सूचना कमललोचन के परिवार को पीआइएल कंपनी द्वारा बुधवार देर रात दी गइ। दुखद समाचार सुनकर कमलोचन के परिवार के सदस्यों का रो- रो कर बुरा हाल है।
बीस दिन की छुट्टी बिताकर लौटा था
मृतक के भाई डॉ राजीव महतो का कहना है कि छह माह कार्य कर घर लौटा था। 20 दिन तक छुट्टी बिताने के बाद फिर से अपने कार्य पर लौट गया था। इस बीच उनके भूस्खलन से मौत की सूचना कंपनी द्वारा दी गइ है। शव को एक अस्पताल में रखकर पोस्टमार्टम किया जा चुका है। अब कंपनी प्रबंधन द्वारा लाश को झारखंड के जमशेदपुर के हल्दीपोखर भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। परिजनों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा ने उनके घर का होनहार सदस्य छीन लिया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उन्हें किस गुनाह की सजा भगवान ने दी।