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जुस्को यूनियन का बदलेगा नाम, संविधान में भी होगा संशोधन Jamshedpur News

जब लाफार्ज की बिक्री हुई थी तो लाफार्ज यूनियन का नाम बदलकर जेसीपी इम्प्लाइज यूनियन हुआ था। ऐसी ही प्रक्रिया अब जुस्को यूनियन में भी शुरू होने वाली है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 11:06 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 11:06 AM (IST)
जुस्को यूनियन का बदलेगा नाम, संविधान में भी होगा संशोधन Jamshedpur News
जुस्को यूनियन का बदलेगा नाम, संविधान में भी होगा संशोधन Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। Jusco union जमशेदपुर यूटिलिटीज एंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (जुस्को) श्रमिक यूनियन का नाम बदलेगा। साथ ही यूनियन के संविधान में भी संशोधन होगा। यूनियन की ओर से जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू होने वाली है। 

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एक अप्रैल 2004 को जुस्को का निर्माण हुआ था। लगभग 16 वर्षो बाद कंपनी का नाम बदल गया है। कंपनी का अब नया नाम टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज कंपनी लिमिटेड हो चुका है। ऐसे में यूनियन के संविधान के अनुसार संबधित कंपनी में ही उसकी मान्यता प्राप्त यूनियन संचालित होती है। पूर्व में जब जुस्को कंपनी थी तो यूनियन का नाम भी जुस्को श्रमिक यूनियन था। लेकिन कंपनी का नाम बदलने के साथ ही उसकी यूनियन का भी नाम अब बदला जाएगा। यूनियन को अपने नाम बदलने के लिए पहले सभी सदस्यों की आम सभा बुलानी होगी। इसमें यूनियन का नाम बदलने और संविधान में दर्ज पुरानी यूनियन का नाम बदलने का प्रस्ताव लाना होगा और उसे बहुमत से पास भी कराना होगा। इसके बाद ही यूनियन का नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नए यूनियन का नाम उसके संविधान में लिखा जा सकेगा।
ट्रेड यूनियन एक्ट में है प्रावधान
ट्रेड यूनियन एक्ट के प्रावधानों के अनुसार के अनुसार किसी भी कंपनी में उसकी मान्यता प्राप्त यूनियन ही कर्मचारियों का नेतृत्व कर सकती है। पिछले दिनों जब लाफार्ज की बिक्री हुई थी तो लाफार्ज यूनियन का नाम बदलकर जेसीपी इम्प्लाइज यूनियन हुआ था। ऐसी ही प्रक्रिया अब जुस्को यूनियन में भी शुरू होने वाली है। 
चुनाव से पहले या बाद, तय करेगी यूनियन : महामंत्री
जुस्को यूनियन में मार्च में नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव होने वाला है। ऐसे में यूनियन के नाम में परिवर्तन वर्तमान कार्यकारिणी करेगी या नई कार्यकारिणी पर यह भार होगा। इसका जवाब देते हुए यूनियन महामंत्री वीडी गोपाल का कहना है कि यह कार्यकारिणी तय करेगी कि चुनाव में होने वाले आम सभा में ही इसे पास कराया जाए या बाद में होगा। जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर इसे सभी पदाधिकारियों और कमेटी मेंबरों के बीच रखा जाएगा। 

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