जुगसलाई ओवरब्रिज पर भाजपा ने खोला राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा
जुगसलाई ओवरब्रिज के मुद्दे पर भाजपा ने झारखंड सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जासं, जमशेदपुर : जुगसलाई ओवरब्रिज के मुद्दे पर भाजपा ने झारखंड सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
साकची स्थित जिला कार्यालय में गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि नवंबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास व सांसद विद्युत वरण महतो ने संयुक्त रूप से ओवरब्रिज का शिलान्यास किया। इसके बाद युद्धस्तर पर ओवरब्रिज का निर्माण शुरू हुआ, परंतु बदकिस्मती से 2019 के चुनावों में भाजपा सरकार के हटने के बाद ओवरब्रिज के निर्माण कार्य में शिथिलता आ गई है। रोज कोई न कोई नया पेच लगाकर निर्माण कार्य को लंबित किया जा रहा है। इतने सालों में कांग्रेस व झामुमो के किसी नेता ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए आवाज नहीं उठाई और आज जब ओवरब्रिज का शिलान्यास हो गया है तो उसके निर्माण में तेजी लाने के बजाय काम बाधित कर सारा दोष भाजपा पर मढ़ रहे हैं। निर्माण में अतिशय विलंब होने से जब भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता का आक्रोश बढ़ने लगा तो कांग्रेस के मंत्री बन्ना गुप्ता व झामुमो के विधायक मंगल कालिदी ओवरब्रिज निर्माण कार्य का दौरा कर, अधिकारियों को स्पॉट पर बुलाकर और उन्हें निर्देश देकर जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। गत सप्ताह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडियाकर्मियों के साथ स्थल का दौरा किया और जनता को बताया कि उनके निर्देश पर ब्रिज का काम शुरू कर दिया गया है, परंतु आश्चर्य की बात यह है कि उनके दौरे के दूसरे दिन ही चीफ इंजीनियर ने आरओबी के एप्रोच रोड में खामी बताकर फाइल लौटा दी। गुंजन ने कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता को यह बताना चाहिए की वे कार्य की प्रगति देखने गए थे या डि•ाइन में खामी ढूंढने। मंत्री का दौरा करने के दूसरे ही दिन फाइल वापस होना आमजनों के बीच भ्रम पैदा कर रही है।
प्रेस-वार्ता में भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी व राकेश सिंह के अलावा जुगसलाई मंडल के अध्यक्ष हनु जैन भी उपस्थित थे।
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रूद्रप्रताप षाड़ंगी ने पहली बार संसद में उठाया था मामला ओवरब्रिज की मांग सालों से भाजपा, जुगसलाई मंडल के नेता व कार्यकर्ता जुगसलाई की जनता के साथ उठा रहे हैं। इसके बाद अविभाजित सिंहभूम के तत्कालीन सांसद रुद्र प्रताप षाड़ंगी ने 1977-80 में लोकसभा में ओवरब्रिज का मुद्दा उठाया था। वर्ष 2014 में जब सांसद विद्युत वरण महतो निर्वाचित हुए और प्रदेश में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तब इस दिशा में प्रयास आगे बढ़ा।