सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ गोलबंद हुआ संयुक्त मंच
Union Politics.मजदूर संगठनों का संयुक्त मंच गोलबंद होकर आंदोलन करने का शंखनाद किया है। इसे लेकर ट्रेड यूनियनों श्रमिक फेडरेशनोंं और कर्मचारी एसोसिएशनों की संयुक्त कार्यक्रम में 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल करने का आह्वान किया गया है।
जमशेदपुर, जासं। भाजपा सरकार की जन विरोधी, मजदूर - किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों का संयुक्त मंच गोलबंद होकर आंदोलन करने का शंखनाद किया है। इसे लेकर ट्रेड यूनियनों, श्रमिक फेडरेशनोंं और कर्मचारी एसोसिएशनों की संयुक्त कार्यक्रम में 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल करने का आह्वान किया गया है।
जानकारी देते हुए झारखंड इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कहा है 26 नवंबर को आंदोलन के बाद सरकार को एक मांग पत्र सौंपा जाएगा। जिसमें मजदूर विरोधी श्रम कोड, किसान और कृषि विरोधी अधिनियम वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के उधमो, कल कारखानो, रेलवे और रक्षा क्षेत्र के निजीकरण का निर्णय वापस लेने रोजगार, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सभी के लिए पेंशन की गारंटी करने, सभी के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आय का प्रबंध सुनिश्चित करने की मांग शामिल रहेगी। इसके साथ - साथ कोरोना से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए आयकर के दायरे से बाहर सभी मेहनतकशों के खाते मे अगले छह माह तक 75 सौ रुपए
हर माह ट्रांसफर करने तथा प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 10 किलो अनाज दिए जाने की मांग शामिल रहेगी। आंदोलन की सफलता के लिए साकची में एक प्रस्ताव पारित हुआ है। इस प्रस्ताव पर एटक के पी. के. गांगुली, अशोक यादव, बी एन सिंह, ओमप्रकाश और शशी कुमार एक्टू के शुभेंदु सेन, सीटू के विश्वजीत दे एवं इंटक, एचएमएस, टीयुसीसी, एआईटीयूसी और स्वतंत्र फेडरेशनों के नेताओं ने अपनी सहमति जताई है।