टाटा स्टील के वीपी सुरेश दत्त त्रिपाठी बोले, जेएनटीवीटीआइ पूरा कर रहा स्कील इंडिया का सपना
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सह जेएनटीवीटीआइ प्रबंध कमेटी के चेयरमैन सुरेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि जेएनटीवीटीआइ स्कील इंडिया का सपना पूरा कर रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जेएन टाटा वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेएनटीवीटीआइ) देश में स्कील इंडिया के सपने को पूरा कर रहा है। इस संस्थान में छात्रों के हुनर को तराश कर, उसकी जांच की जाती है, जिसे वे देश के किसी भी कोने में काम करें, वहां जेएनटीवीटीआइ की छाप छोड़ सकें।
बिष्टुपुर स्थित जेएनटीवीटीआइ प्रांगण (पूर्व में मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज) में नेशनल स्कील क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के 74 और रिकोग्निशन ऑफ प्रायर लर्निग (आरपीएल) के 100 युवाओं के बीच प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया। इस समारोह को संबोधित करते हुए टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सह जेएनटीवीटीआइ प्रबंध कमेटी के चेयरमैन सुरेश दत्त त्रिपाठी ने ये बातें कही।
स्कील को मिलता एक्सिलेंस
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ट्रॉफी से मिले पैसे को यदि हम कर्मचारियों में बांट देते तो इसका क्षणिक लाभ होता। लेकिन हम शिक्षा, खास कर स्कील्ड डेवलपमेंट के क्षेत्र में ऐसी पहल करना चाहते थे जिसका फायदा कर्मचारियों के बच्चों के अलावे देश भर के युवाओं को मिले। उन्होंने कहा कि यह टाटा स्टील की विरासत है कि हम हर काम देश महत्व को ध्यान में रखते हैं और नतीजा सभी के सामने है। हमने चांद पर पहुंचने की शुरुआत छोटे कदम से की है। यहां के बच्चों को मिले ज्ञान का सहीं इस्तेमाल ही स्कील कहलाता है और जेएनटीवीटीआइ उस स्कील को एक्सिलेंस देता है।
अतिथियों ने दिए प्रमाण पत्र
जमशेदपुर से शुरू हुआ यह इंस्टीट्यूट वर्तमान में चार (जमशेदपुर सहित कलिंगानगर, झरिया व जोड़ा) के बाद हम 40 और फिर 400 होकर बढ़ते चले जाएंगे। समारोह में इंडियन एंड स्टील सेंटर स्कील काउंसिल ट्रेनिंग के क्षेत्रीय निदेशक शशांक शेखर सहित अन्य अतिथियों ने सभी युवाओं को प्रमाण पत्र दिया। इस मौके पर एसएनटीआइ की कुमुद लता सिंह सहित संस्थान के निदेशक व स्टॉफ उपस्थित थे।
जेएनटीवीटीआइ के सर्टिफिकेट की देश भर में मान्य
रवि टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने कहा कि जेएनटीवीटीआइ के प्रमाण पत्र की मान्यता देश भर में है। जो आइटीआइ के समकक्ष है। उन्होंने बताया कि टाटा स्टील में भी दक्ष कामगारों की कमी हो रही थी लेकिन इस संस्थान ने उस कमी को दूर किया। आज जेएनटीवीटीआइ की पहचान पूरे देश में है, इसका श्रेय टाटा स्टील प्रबंधन को है।
इस संस्थान को चलाते हैं कस्टमर
प्रकाश समारोह में टाटा स्टील, कैपाबिलिटी डेवलपमेंट के चीफ प्रकाश सिंह ने कहा कि जेएनटीवीटीआइ देश की एकमात्र ऐसी संस्था है जिसे उसके कस्टमर चलाते हैं। वे तय करते हैं कि उन्हें किस ट्रेड में हुनरमंद श्रमिकों की आवश्यकता है। वे खुद ट्रेड डिजाइन करते हैं और हम उस संबंध में बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं। उन्होंने दावा किया कि देश का यह ऐसा एकमात्र स्कील्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैं जहां युवाओं को प्रशिक्षण पूरा करने से पहले ही प्लेसमेंट हो जाता है। इन बच्चों के फीस में मिली छूट इस संस्थान के तहत वैसे एससी-एसटी युवा जो प्रशिक्षण में बेहतर प्रदर्शन कर प्लेटिनम (80 प्रतिशत से अधिक अंक) व गोल्ड (60 प्रतिशत से अधिक अंक) आने वाले युवाओं की फीस में 100 व 50 प्रतिशत की छूट दी गई। इनमें मुकेश दीप, आशीष कुमार सोय, जितेन महाली, अभिराम व अभिषेक कुमार शामिल हैं।