टेक्निशियन बनेंगे ट्रांसजेंडर, ट्रेनिंग लेकर करेंगे नौकरी
ट्रांसजेंडरों के दिन बदलने वाले हैं। अब ये ताली बजाते नहीं बल्कि बहुत जल्द हाथों में टूल्स लिए दिखाई देंगे। टाटा स्टील इन्हें तकनीकी प्रशिक्षण देगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : चलती ट्रेनों में, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के आसपास, शादी-विवाह व बच्चों के जन्म पर नाच-गाकर पैसे मांगने वाले ट्रांसजेंडर को हमने देखा है, जो पैसों के लिए दुआ देते हैं और नहीं देने पर अपनी नाराजगी भी जाहिर करते हैं। अब इन ट्रांसजेंडरों के दिन बदलने वाले हैं। अब ये ताली बजाते नहीं बल्कि बहुत जल्द हाथों में टूल्स लिए दिखाई देंगे।
दरअसल, टाटा स्टील द्वारा संचालित जेएन टाटा वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेएनटीवीटीआइ) अगले पांच वर्षो में शहर के 1300 ट्रांसजेंडरों को विभिन्न ट्रेड का निश्शुल्क प्रशिक्षण देगा। टाटा स्टील के चीफ कैपेबिलिटी ऑफिसर प्रकाश सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर हमेशा से समाज में पिछड़े और अलग-थलग पड़े रहे हैं। इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए ट्रस्ट प्रयास कर रहा है।
टांसजेंडर से कई माह से संपंर्क में ट्रस्ट
ट्रस्ट पिछले कई माह से ट्रांसजेंडर समुदाय से संपर्क में है। ट्रांसजेंडरों के अनुसार वे अपने काम से खुश नहीं हैं और अपनी जीवन शैली में बदलाव चाहते हैं। प्रकाश ने बताया कि इसमें जेएनटीवीटीआइ उनकी मदद करेगा। उन्हें ट्रस्ट द्वारा संचालित सात ट्रेड का प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण के बाद उनके प्लेसमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी।
दो ट्रांसजेंडर ने पूरी की ट्रेनिंग
वर्तमान में यहां से दो ट्रांसजेंडर रीगर व साइट सेफ्टी सुपरवाइजर का प्रशिक्षण पूरा कर ऑन जॉब ट्रेनिंग में हैं। वर्तमान में ट्रस्ट फुलटाइम इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग कोर्स कराती है। इसमें साइट सेफ्टी सुपरवाइजर, मैकेनिकल सुपरवाइजर, क्रेन ऑपरेटर कम रीगर, हाइड्रोलिक टेक्नीशियन, मैकेनिकल फीटर कम रीगर, इलेक्ट्रिशियन व वेल्डर कम गैस कटर शामिल है। 30 दिन से 12 माह वाले इन कोर्स को करने के लिए सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 14,160 रुपये से 29,500 रुपये का फीस निर्धारित है।
निश्शुल्क होगा प्रशिक्षण
प्रकाश सिंह ने बताया कि ट्रांसजेंडर एक व्यवसाय से जुड़े हैं जहां से उन्हें आय प्राप्त होती है। जब वे ट्रेनिंग में आएंगे तो उनका व्यापार बंद हो जाएगा। ऐसे में ट्रस्ट सभी ट्रांसजेंडरों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें न्यूनतम 2.16 लाख रुपये के सालाना पैकेज में नौकरी भी मिलेगी।