भूमि अधिग्रहण बिल में संवैधानिक प्रक्रियाओं की हुई हत्या : कुणाल
भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल में संवैधानिक प्रक्रियाओं की हत्या की गई है। यह झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सह विधायक कुणाल षड़ंगी ने कही है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल में संवैधानिक प्रक्रियाओं की हत्या हुई है। इसमें राष्ट्रपति को भी दिग्भ्रमित किया गया है। यह बातें झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सह बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षड़ंगी ने निर्मल गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने भाजपा द्वारा अखबारों और वीडियो के माध्यम से झामुमो पर लगाये गए तीन झूठे आरोपों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल में मुआवजे की बात कह कर सरकार कुछ नया नही कर रही है, बल्कि यह 2013 से ही है। बिल में सोशल इंपैक्ट को हटा दिया है। बिल में सरकार ने ग्राम सभा की सहमति के बजाय परामर्श करने की बात सरकार ने की है। विधायक कुणाल षड़ंगी ने सोरेन परिवार पर लगे आरोप पर खुली बहस की चुनौती भाजपा को दी है और किसी भी एजेंसी से जाच करवा लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी विकास समिति का गठन कर सरकार आपस में फुट डालो का काम कर रही है। ताकि भाजपा राज कर सके। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पर झामुमो कानूनी राय भी लेगी। यह जानने का प्रयास करेगी कि संवैधानिक अधिकार क्या राज्य सरकार के पास है जो केंद्रीय कानून को बदल दें। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लेकर झामुमो का स्टैंड पूरी तरह साफ है। इस कारण पार्टी ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है। उस आधार पर आंदोलन भी हो रहा है। पार्टी जनतांत्रिक तरीके से बाद को राष्ट्रपति तक दुबारा पहुंचाने का प्रयास करेगी।
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भूख से मौत पर हो रहा आइवाश
केंद्रीय सचिव रविकांत के बयान पर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षड़ंगी ने कहा भूख से मौत पर सिर्फ आइवाश हो रहा है। केंद्रीय सचिव भूख से मौत की बात मानते हैं, पर राज्य सरकार नहीं। दोनों के बीच विरोधाभाषी बयान आते हैं। अब तक संतोषी को राज्य सरकार खोज नहीं पायी।
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बिजली को लेकर झामुमो उतरेगा सड़क पर
विधायक कुणाल षड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक गांव में बिजली पहुंच जाने का दावा करती है। लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिला में 12-12 घंटे बिजली गायब रहती है। अगर स्थिति ऐसी रही रहती तो झामुमो सड़क पर उतरेगा।