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13 साल बाद भी साजिशकर्ता पर्दे के पीछे, भीड़ के सामने कर दी गई थी सांसद की हत्‍या Jamshedpur News

Sunil mahato Murder Case. चार मार्च 2007 को झामुमो सांसद सुनिल महतो की भीड़ के सामने हत्या कर दी गई थी । 13 साल बाद भी साजिशकर्ता पर्दे के पीछे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 03:15 PM (IST)
13 साल बाद भी साजिशकर्ता पर्दे के पीछे, भीड़ के सामने कर दी गई थी सांसद की हत्‍या Jamshedpur News
13 साल बाद भी साजिशकर्ता पर्दे के पीछे, भीड़ के सामने कर दी गई थी सांसद की हत्‍या Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। चार मार्च 2007 को झामुमो के सांसद रहे सुनिल महतो समेत चार लोगों की घाटशिला के बाघुडिय़ा फुटबॉल मैदान में नक्सलियों ने भीड़ के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के 13 साल गुजर गए हैं, लेकिन इस हत्याकांड के पीछे के साजिशकर्ताओं तक अब भी जांच एजेंसियां पहुंच नहीं पाई हैं। यह हाल तब है जब मामले में केंद्रीय एजेंसी सीबीआइ तक को जांच सौंप दी गई। ...तो क्या सरेआम हुई इस हत्या के साजिशकर्ता पर्दे के पीछे ही रह जाएंगे? 

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इसपर सुनील महतो की पत्नी पूर्व सांसद सुमन महतो का दर्द अब भी रह-रहकर छलक पड़ता है। दैनिक जागरण से बातचीत में सुमन महतो ने कहा-प्रदेश की राजनीति में पति (सुनील महतो) काफी तेजी से उभर रहे थे। इसी बीच नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी। लगता है कि तेजी से राजनीति में उभरना ही उनके लिए घातक रहा। हत्या से किसे क्या लाभ हुआ? जनता के बीच सच्चाई सामने आनी चाहिए। सुमन महतो कहती हैं-शुरुआत से कहती आ रही हूं, हत्या के पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है।

 बच्‍चे पूछ रहे पिता को क्‍यों मारा गया

केंद्रीय एजेंसी से जांच पर आस जगी थी कि हत्या के पीछे कौन साजिशकर्ता इसका खुलासा होगा। आखिर कौन सी जांच हो रही है, जो अब तक पूरी नहीं हो रही है। न्याय की अब कोई उम्मीद भी नहीं है। आस भी रखना बेकार है। जब जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा हो सकता है कि आम लोगों के मामले में क्या होता होगा, अंदाजा लगाया जा सकता हैं। बच्चे बड़े हो गए वे भी पूछते हैं कि पिता को क्यों मारा गया। सीबीआइ ने केस की प्रगति में कभी कोई जानकारी नहीं दी।

नहीं हो सकी एनआइए जांच

पति के शव पर बिलखती सुमन महतो। फाइल फोटो

पूर्व सांसद ने आगे कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री से लेकर दिल्ली तक पति की हत्या की जांच एनआइए कराने को पत्राचार किया। जांच की अनुशंसा भी प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से की गई, लेकिन मामला आगे नही बढ़ पाया। कहा कि रांची तमाड़ के विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या 2008 में नक्सलियों ने कर दी थी। एनआइए ने तफ्तीश कर मामले का खुलासा कर दिया। हत्या में नक्सली और राजनीतिक गठजोड़ सामने आया था। हत्या करने वाला नक्सली और साजिशकर्ता भी पकड़ा गया। 

 आकाश, सचिन समेत कई अब तक फरार

सुनील महतो की हत्या में नक्सली राहुल दस्ते की संलिप्तता पुलिस और सीबीआइ जांच में सामने आई थी। राहुल पर सीबीआइ ने दस लाख का इनाम रखा था। उसने अपनी पत्नी झरना के साथ 25 जनवरी 2017 को बंगाल पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। बंगाल की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार समर्पण करने वाले नक्सलियों को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाता हैं। ऐसा ही राहुल और उसकी पत्नी के साथ हुआ। दोनों को सीबीआइ रिमांड पर नहीं ले पाई। हत्या में नक्सली राजेश मुंडा को पुलिस ने अपनी तफ्तीश के दौरान बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर सालबनी से 2009 में गिरफ्तार किया था। नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश,रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन, जयंती, झरना, विकास, बेला समेत अन्य का नाम सामने आया था। झरना और रंजीत को छोड़ सभी फरार हैं।

मुख्‍यमंत्री हेमंतसोरेन ने दी श्रद्धांजलि

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन में दिवंगत सुनिल महतो को शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी है। उन्‍होंने ट्वीट किया- झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले माटीपुत्र वीर शहीद सुनील महतो जी को शहादत दिवस पर शत-शत नमन। 


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