यहां देवी दुर्गा के नौ रूपों की बनती प्रतिमा, दासांय नृत्य से होता नवदुर्गा का आवाहन
यहां सार्वजनिक श्रीश्री नवदुर्गा पूजा समिति की ओर से देवी दुर्गा की नौ रूपों की प्रतिमा स्थापित की जाती है। वर्ष 2005 से प्रारंभ हुए नवदुर्गा पूजा में ग्यारह दिन तक आयोजन होगा।
जमशेदपुर, जासं। शारदीय नवरात्र के अवसर पर सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चौका में शनिवार को पारंपरिक दासांय नृत्य के साथ देवी नवदुर्गा का आह्वान किया जाएगा। यहां सार्वजनिक श्रीश्री नवदुर्गा पूजा समिति की ओर से देवी दुर्गा की नौ रूपों की प्रतिमा स्थापित की जाती है। वर्ष 2005 से प्रारंभ हुए नवदुर्गा पूजा में नवरात्र के अवसर पर ग्यारह दिनों तक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
दुर्गोत्सव का शुभारंभ नवरात्र के एक दिन पूर्व महालया के दिन होगा। देवी आराधना के बाद नवरात्र के पहले दिन रविवार को सुबह पंडाल उद्घाटन के बाद देवी शैलपुत्री पूजा के लिए कलश यात्रा यात्रा निकाली जाती है। इसके बाद कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना प्रारंभ होती है। समिति की ओर से दुर्गोत्सव के दौरान नवरात्र के नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों के लिए रोज कलश यात्रा निकाली जाती है। महासप्तमी के दिन सामूहिक कलश यात्रा में प्रतिवर्ष सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
राम कथा पर होगा प्रवचन
चौका में नवदुर्गा पूजा के दौरान प्रतिवर्ष आध्यात्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। इसके तहत प्रवचन मुख्य कार्यक्रम रहता है। स्थापना वर्ष 2005 से ही प्रवचन का आयोजन किया जाता है। चौका में प्रवचन देने के लिए जगतगुरु शंकराचार्य बासुदेवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर उमाकांतानंद सरस्वती, सच्चितानंद ब्रम्हचारी समेत कोलकाता से त्रिभुवनपुरी, पारसनाथ त्रिपाठी, सुबल दास, स्वरूप गोस्वामी आदि आ चुके हैं। इस वर्ष श्री राम कथा पर प्रवचन देने के लिए नवद्वीप, पश्चिम बंगाल से सुबल दास आ रहे हैं।
लोक कलाकार बादल पाल मचाएंगे धूम
शारदीय नवरात्र के दौरान विजया दशमी के दिन चौका में कलश विसर्जन की जाती है। प्रतिमा का विसर्जन एकदशी के दिन किया जाता है। दशमी के मौके पर यहां रात में लोक कलाकार बादल पाल, कनिका कर्मकार और कविता दास अपने सहयोगियों के साथ मानभूम धमाल नाइट के तहत रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। वहीं दिन में मेदनीपुर, पश्चिम बंगाल के बाऊल व लोकगीत नृत्य मंडली के प्रिया दास व सुष्मिता दास द्वारा हंगामा बाऊल पेश किया जाएगा। महानवमी के दिन सात अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के लोक कलाकार बाऊल पेश करेंगे जबकि रात को मंगलमूर्ति स्टूडियो एवं ऑडियो-विडियो ग्रुप, धनबाद द्वारा खोरठा, नागपुरी, भोजपुरी, बांग्ला गीत-संगीत से धमाल मचाएंगे। इसके पूर्व नवरात्र के पहले दिन से अष्टमी तक रोज रात को श्री राम लीला व श्री कृष्ण लीला का प्रदर्शन किया जाएगा।