Move to Jagran APP

डॉ. पाणि का लियेन हुआ ब्रेक, वर्कर्स कॉलेज भेजे गए

कोल्हान विश्वविद्यालय सिंडिकेट की आपात बैठक सोमवार को चाईबासा स्थित प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती की अध्यक्षता में हुई। य

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 09:00 AM (IST)
डॉ. पाणि का लियेन हुआ ब्रेक, वर्कर्स कॉलेज भेजे गए
डॉ. पाणि का लियेन हुआ ब्रेक, वर्कर्स कॉलेज भेजे गए

जासं, जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय सिंडिकेट की आपात बैठक सोमवार को चाईबासा स्थित प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती की अध्यक्षता में हुई। यह बैठक कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. पीके पाणि के लियेन (ग्रहणाधिकार) को ब्रेक करने को बुलाई गई थी। इस बैठक में लियेन को ब्रेक किया गया तथा आगे के दो साल के लियेन को निरस्त कर दिया गया। विश्वविद्यालय ने डॉ. पाणि को ओएसडी का प्रभार डॉ. प्रभात सिंह को सौंपकर जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में योगदान देने का निर्देश दिया है। इस बैठक में कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती के अलावा कुलसचिव डॉ. एसएन सिंह, कुलानुशासक डॉ. एके झा, सिंडिकेट सदस्य गुहा राम, अमिताभ सेनापति, मनोज सिंह, प्रिंसिपल डॉ. एसपी महालिक, डॉ. केएन प्रधान, डॉ. प्रभा खलको, उप कुलसचिव एमके मिश्रा, मंगलेश्वर भगत उपस्थित थे।

loksabha election banner

-----------------

अगस्त से चल रहे सेवानिवृत्ति विवाद का हुआ अंत

जासं, जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. पीके पाणि की सेवानिवृत्ति को लेकर अगस्त से विवाद चल रहा था। कोल्हान विवि का कहना है कि परीक्षा नियंत्रक का पद गैर शैक्षणिक है, इस कारण वे 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त माने जाएंगे। इस हिसाब से वे 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। केयू को यह जानकारी होने पर डॉ. पीके पाणि का वेतन रोक दिया गया और शोकॉज किया गया। शोकॉज के जवाब में विश्वविद्यालय की कुलपति को उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से चार साल का लियेन दिया गया है। जेपीएससी ने उन्हें चार साल के लिए परीक्षा नियंत्रक के पद पर बहाल किया है। इस कारण उन्हें सेवानिवृत्त न माना जाये। इसके बाद यह मामला राजभवन गया। राजभवन में भी परीक्षा नियंत्रक ने अपना पक्ष रखा। पिछले दिनों ही राजभवन ने डॉ. पाणि के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें सेवानिवृत्त न मानने का निर्देश देते हुए आगे की प्रक्रिया नियमानुसार करने को कहा। इसके बाद सिंडिकेट की बैठक बुलाकर प्रक्रिया पूरी की गई। अब वे जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में शिक्षक के रूप में योगदान देंगे तथा 65 की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.