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Jharkhand Politics Crisis: झारखंड की राजनीतिक उठापटक को लेकर राजभवन पर टिकी सबकी निगाह, जानिए क्या कहते हैं पश्चिमी सिंहभूम के लोग

Jharkhand Politics Crisis कई लोग मुख्यमंत्री की पत्नीकल्पना सोरेन को सीएम के रूप में देख रहे हैं तो कोई चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा रहे हैं। इसी में शहर के बड़ी बाजार स्थित यशोदा चौक चाय दुकान में झामुमो समर्थित विशाल चातार नामक युवक ने कहा

By Madhukar KumarEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 11:45 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 11:45 AM (IST)
Jharkhand Politics Crisis: झारखंड की राजनीतिक उठापटक को लेकर राजभवन पर टिकी सबकी निगाह, जानिए क्या कहते हैं पश्चिमी सिंहभूम के लोग
Jharkhand Politics Crisis: झारखंड की राजनीतिक उठापटक को लेकर राजभवन पर टिकी सबकी निगाह, जानिए क्या कहते हैं लोग

चाईबासा, जासं। पश्चिम सिंहभूम जिला में सुबह-सुबह झारखंड राजनीति की चर्चा हर एक जुबान पर छाई हुई है। चौक–चौराहे, नुक्कड़, चाय–पान दुकान समेत जहां भी चार पांच लोग जमा हो रहे हैं, वहां सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सदस्यता रद्द होने वाली चर्चा चल रही है। सभी की निगाहें आज राजभवन पर टिक गई है। जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए पत्र में क्या है, इसको लेकर सब टकटकी लगाए बैठे हैं । पश्चिम सिंहभूम जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है। जिसमें चार विधायक झारखंड मुक्ति मोर्चा के और एक गठबंधन कांग्रेस की है ।जबकि गठबंधन में ही कांग्रेस के सांसद भी इसी जिला से है । इसको देखते हुए लोग राजधानी पर हो रहे घटनाक्रम की चर्चा हर और फैली हुई है।

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कई लोग मुख्यमंत्री की पत्नीकल्पना सोरेन को सीएम के रूप में देख रहे हैं तो कोई चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा रहे हैं। इसी में शहर के बड़ी बाजार स्थित यशोदा चौक चाय दुकान में झामुमो समर्थित विशाल चातार नामक युवक ने कहा कि आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होगी, लेकिन यह एक चाल है। कई तरह से झारखंड सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया। जिसमें सफल नहीं होने के कारण इस प्रकार की कार्रवाई लगभग 3 साल के बाद की जा रही है। लेकिन हम किसी से कमजोर नहीं है। हमारे पास सरकार बनाने का पूरा समर्थन है और वह 5 साल पूरा करके ही रहेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता की सेवा कर रहे तो दूसरी पार्टी को भा नहीं रहा है। इसलिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर इस प्रकार का कार्रवाई कर रही है।

जिस प्रकार महाराष्ट्र , गोवा, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भाजपा ने किया। इसी प्रकार झारखंड में भी करना चाह रही है। लेकिन यहां के आदिवासी मूलनिवासी कभी भी राज्य में ऐसा माहौल पैदा नहीं होने देगी। वहीं भाजपा समर्पित धनुंजय बिरुवा ने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी होगी ही, क्योंकि जब आप चुनाव के दौरान पूरी संपत्ति का ब्यौरा देते हैं तो फिर कुछ चीजें छुपाने का क्या मतलब। हालांकि 2 साल के बाद निर्वाचन विभाग इसको संज्ञान में लेते हुए राज्यपाल को पत्र भेजा है। लेकिन अगर आप भ्रष्टाचारी नहीं है तो किसी चीज को आप नामांकन के दौरान नहीं छुपा सकते। अब जब पकड़े गए हैं तो भाजपा पर इल्जाम लगाकर कैसे बच सकते हैं, यह तो एक संवैधानिक संस्था है । उनके अनुसार जो भी निर्णय लिया जाएगा उसे हम सभी को मानना होगा। उसी के दायरे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आ चुके हैं तो उसे खामियाजा वह भुगतेंगे। इसी बीच पश्चिमी सिंहभूम जिला के सभी विधायक और समर्थक संध्या में ही रांची के लिए निकल चुके थे।


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