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Jharkhand News : यहां जान हथेली पर रख स्कूल जाते हैं बच्चे, कोई नदीं पार कर रहा तो कोई रेलवे ट्रैक

Jharkhand News चक्रधरपुर में बच्चे जान हथेली पर स्कूल जा रहे हैं। कोई नदी की उफनती धारा से संघर्ष कर रहा है तो कोई रेलवे ट्रैक पार कर स्कूल जा रहा है। प्रशासन को पता है लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2022 01:13 PM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2022 01:13 PM (IST)
Jharkhand News : यहां जान हथेली पर रख स्कूल जाते हैं बच्चे, कोई नदीं पार कर रहा तो कोई रेलवे ट्रैक
यहां जान हथेली पर रख स्कूल जाते हैं बच्चे, कोई नदीं पार कर रहा तो कोई रेलवे ट्रैक

चक्रधरपुर : सोनुवा के पोड़ाहाट पंचायत के चांदीपोस गांव के बच्चों को स्कूल जाने के लिए अब नदी पार करना पड़ रहा है। गांव के दर्जनों स्कूली बच्चे सोनुवा के स्कूल में पढ़ाई करते हैं। लेकिन गांव के सामने स्थित नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण इन बच्चों को काफी समस्या हो रही है। गांव के बच्चों को उनके माता-पिता काफी जद्दोजहद से नदी पार कराते हुए पोड़ाहाट गांव के पास स्थित मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं। जिसके बाद ये बच्चे पढ़ाई करने के लिए अपने स्कूल पहुंच पाते हैं।

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नदी की धारा में बहने का डर

नदी पार करने के दौरान बच्चों के स्कूल बैग और किताब-कापी भींगने का भी डर रहता है। इसके साथ ही अधिक बारिश होने पर नदी की धारा तेज होने पर नदी पार कर स्कूल जाना भी मुश्किल हो जाता है। जिससे बच्चे कई दिन स्कूल नहीं जा पाते हैं। इस गांव के ग्रामीणों की मांग है कि नदी में पुल बनाया जाए या गांव तक दूसरे रास्ते से सड़क बनाया जाए। जिससे कि ग्रामीणों को गांव तक आने-जाने में समस्या न हो।

डीएनएम इंग्लिश स्कूल के बच्चे प्रतिदिन खेलते है मौत से

मनोहरपुर : मनोहरपुर के बीसखोली में संचालित डीएनएम इंग्लिश स्कूल के बच्चे पढ़ाई के लिए प्रतिदिन मौत से खेलते है। स्कूल आने और जाने के लिए जान हथेली पर रखकर रेल पटरी करते हैं पार। इस दौरान कई बच्चों के तो अभिभावक भी साथ में ही होते हैं। बच्चों के अभिभावक कोई अप्रिय घटना से बेखबर हो खुद बच्चों को लेकर रेल पटरी पार कर बच्चों को स्कूल लाना ले जाना करते है। यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा है।

बच्चों की जान पर बन आती है

मनोहरपुर रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर प्लेटफार्म के बाद से डीएनएम स्कूल के बच्चे अपने -अपने अभिभावक संग रेल पटरी पार कर स्कूल आना जाना करते है। रेल पुलिस प्रशासन के आंखों के सामने प्रतिदिन यह होता है पर रेल प्रशासन सब देख भी बेखबर व मौन है। शायद वे भी कोई दुर्घटना का ही इंतजार कर रहे है। यह सब शार्टकट के चक्कर में हो रहा है। शुक्र है अब तक कोई अप्रिय घटना नही घटी। पर आने वाले दिनों में संभावित अप्रिय घटना से इनकार भी नही किया जा सकता है। जरूरी है समय रहते रेल प्रशासन के साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों को भी संभलने की।

दो भागों में बंटा है रेलवे लाइन

बताते चले कि मनोहरपुर शहरी क्षेत्र रेलवे लाइन के कारण दो भाग उत्तर-दक्षिणी क्षेत्र में बंटा हुआ है। रेल लाइन पूर्व- पश्चिम दिशा में होकर गुजरती है। डीएनएम स्कूल उत्तर दिशा में बीसखोली में अवस्थित है। जो रेलवे लाइन से लगभग 200 मीटर की दूरी पर संचालित है। मनोहरपुर रेलवे लाइन से दक्षिण क्षेत्र की ओर रहने वाले बच्चे अभिभावक के साथ शार्टकट के चक्कर में रेल पटरी पार कर स्कूल आना जाना करते है।

हालांकि ये बच्चे व उनके अभिभावक रेल फूड ओवर ब्रिज से रेल लाइन पार कर स्कूल जाते है तो उन्हें लगभग आधा किमी का दूरी तय करना होगा। इसी से बचने के लिए शार्टकट में रेल पटरी पैदल पार कर स्कूल आना जाना करते है। जिस पर संभावित दुर्घटना को देखते हुए यथाशीघ्र पैदल रेल पटरी पार करना रेल प्रशासन को बंद करा देना चाहिए। नही तो कभी भी बढ़ी दुर्घटना हो सकती है।


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