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Adityapur Industrial Area: उद्योग सचिव का आश्वासन नहीं आया काम, औद्योगिक क्षेत्र की सड़क अब भी बदहाल

स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र तकनीकी रूप से काफी सक्षम है। कई निवेशक यहां आना चाहते हैं लेकिन सड़कों की खराब स्थिति के कारण वे भी आना नहीं चाहते। इसलिए जो आर्डर आदित्यपुर को मिलना चाहिए वे पुणे या कर्नाटक सहित दूसरे राज्यों जा रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 05:00 PM (IST)
Adityapur Industrial Area: उद्योग सचिव का आश्वासन नहीं आया काम, औद्योगिक क्षेत्र की सड़क अब भी बदहाल
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क कम गढड़े ज्यादा हैं।

जासं, जमशेदपुर : झारखंड सरकार की उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने 23 सितंबर 2021 को रांची में आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसिया) के सदस्यों को आश्वासन दिया था कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। जर्जर सड़क को देखने चीफ इंजीनियरिंग जाएंगे। लेकिन दो माह होने को आए, सड़कें अब भी बदहाल हैं। आज तक एक भी अधिकारी सड़कों की स्थिति देखने नहीं पहुंचे। उद्योग किसी भी अर्थव्यवस्था की धुरी होती है। उद्यमियों के पास मूलभूत सुविधाएं होंगी तभी नए निवेशक आएंगे और राज्य का स्वार्णिम विकास होगा।

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एक ओर झारखंड सरकार देश-विदेश के नए निवेशकों को आमंत्रित कर रही है लेकिन दूसरी ओर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क कम गढड़े ज्यादा हैं। उद्यमियों जर्जर सड़क को दुरुस्त कराने और बिजली-पानी की बेहतर व्यवस्था के लिए कभी जियाड़ा के क्षेत्रीय कार्यालय तो कभी मुख्यालय की दौड़ लगाते हैं लेकिन पिछले दो सालों से इन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है।

तकनीकी रूप से काफी सक्षम है आदित्यपुर

स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र तकनीकी रूप से काफी सक्षम है। कई निवेशक यहां आना चाहते हैं लेकिन सड़कों की खराब स्थिति के कारण वे भी आना नहीं चाहते। इसलिए जो आर्डर आदित्यपुर को मिलना चाहिए वे पुणे या कर्नाटक सहित दूसरे राज्यों जा रहे हैं।

जियाडा की भी तय हो जिम्मेदारी

लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष संदीप मिश्रा का कहना है कि हर एक उद्यमी को प्रतिमाह जियाडा को लेवी देनी होती है। उद्यमी समय पर लेवी न दें तो उन्हें जुर्माना के साथ-साथ लेवी पर ब्याज भी देना होता है। लेकिन उद्यमी बेहतर सड़क, बिजली, पानी और मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं, उसके लिए किसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

गडढ़ों को भरने के नाम पर कोरम पूरा

औद्योगिक क्षेत्र में पिछले दो वर्षो से गेल की ओर से गैस पाइपलाइन और पानी व सिवरेज के लिए सड़कों की खुदाई हो रही है। लेकिन काम पूरा होने के बाद एजेंसियों ने सड़क की मरम्मती करने के बजाए गडढ़ों में केवल मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। जिसके कारण आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।

यहां की सड़क सबसे खराब

आरआइटी मोड, सुधा डेयरी मोड, आरएसबी कंपनी के सामने, केवाईएस के सामने, बेको मोड़ के पास, रेलवे ओवर ब्रिज से पहले सहित फेज एक से फेज आठ के अंदुरुनी सड़क।

ये कहते उद्यमी

उद्योग सचिव ने एसिया को आश्वासन दिया था कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को जल्द ठीक किया जाएगा लेकिन दो माह होने को आए, अब तक न तो सड़कों की मरम्मत हुई और न ही कोई अधिकारी देखने को आए।

-संतोष खेतान, अध्यक्ष, एसिया

आदित्यपुर क्षेत्र में बदहाल सड़क के कारण हर उद्यमी परेशान है। आयडा के समय रोड बना भी लेकिन समय पर मेंटेेनेंस नहीं होने और लगातार खुदाई के कारण सड़क टूट गई। इसे ठीक नहीं किया जा रहा है।

-संदीप मिश्रा, उपाध्यक्ष, लघु उद्योग भारती

आयडा सचिव वंदना डाडेल के कार्यकाल में औद्योगिक क्षेत्र की सभी अंदरुनी रास्तों को 10 इंच मोटी क्रांक्रिट की ढलाई कर बनाया गया था। लेकिन खुदाई करने वाली एजेंसियां बेदर्दी से इन्हें तोड़कर उसकी मरम्मती भी नहीं कर रही हैं। झारखंड सरकार तत्काल इस पर कमेटी बनाकर सड़क को पुन: नहीं बनाने वाली एजेंसियों का बिल रोके।

-विनय कतरियार, प्रदेश उपाध्यक्ष, लघु उद्योग भारती

राज्य सरकार और जियाडा इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर उद्यमियों से लेवी तो लेती है लेकिन कभी भी हमें बेहतर सड़क की सुविधा नहीं मिली। झारखंड का सबसे बड़े व सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र की साख पर यह काले धब्बे के समान है।

-समीर सिंह, उद्यमी


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