झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्वी सिंहभूम के उच्च विद्यालयों के लिपिकों के तबादले पर लगाई रोक, सरकार से जवाब तलब
स्थानांतरित किए गए पूर्वी सिंहभूम के उच्च विद्यालयों के लिपिकों को राहत मिल गई है। झारखंड हाईकोर्ट के तबादले पर रोक लगा दी है।
जमशेदपुर /रांची, जेएनएन। झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्वी सिंहभूम के उच्च विद्यालयों में कार्यरत 71 लिपिकों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने दो सप्ताह में इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
गौरतलब हो कि शिक्षा विभाग द्वारा तीन साल से उच्च विद्यालयों में कार्यरत जिले के 71 लिपिकों के स्थानांतरण की अधिसूचना 31 जुलाई को जारी की गई थी। इन सभी लिपिकों को नव पदस्थापित विद्यालयों में सात अगस्त तक योगदान देने का निर्देश दिया गया था। जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने कहा था कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई है और सबको खुद अपने विद्यालय का चयन करने का मौका दिया गया। विभाग द्वारा जारी सूचना के तहत स्थानांतरित किए गए सभी लिपिकों को 7 अगस्त अपने स्थानांतरित विद्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया था। कहा गया था कि अगर कोई निर्देश का पालन नहीं करता है तो वह इसके बाद स्वत: विरमित माना जाएगा।
स्थानांतरण को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती
लिपिकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को लिपिकों द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। लिपिकों का कहना है कि स्थानांतरण नियमावली में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि इनका स्थानांतरण किसी प्रशासनिक कारणों जैसे अनुशासनहीनता अथवा कर्तव्यहीनता के आरोप प्रमाणित होने पर सक्षम समिति द्वारा किया जा सकता है। लेकिन विभाग ने इसे दरकिनार कर तीन साल साल का एक ही विद्यालय में सेवा अवधि मानकर स्थानांतरित कर दिया है, जो गलत है। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कोर्ट ने स्थानांतरण पर रोक लगा दी और राज्य सरकार से जवाब मांग लिया।
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