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जमशेदपुर बार एसोसिएशन विवाद : हाईकोर्ट ने दो वरीय अधिवक्ता को किया रिसीवर नियुक्त Jamshedpur News

झारखंड हाई कोर्ट ने जमशेदपुर जिला बार संघ के सबसे वरीय अधिवक्ता मनोरंजन दास और श्यामल चौधरी को रिसीवर नियुक्त किया है जो बार संघ के एकाउंट की देखरेख करेंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 07:12 PM (IST)
जमशेदपुर बार एसोसिएशन विवाद : हाईकोर्ट ने दो वरीय अधिवक्ता को किया रिसीवर नियुक्त Jamshedpur News
जमशेदपुर बार एसोसिएशन विवाद : हाईकोर्ट ने दो वरीय अधिवक्ता को किया रिसीवर नियुक्त Jamshedpur News

रांची/जमशेदपुर, जेएनएन।  झारखंड हाई कोर्ट ने जमशेदपुर जिला बार संघ के एकाउंट के संचालन के लिए दो वरीय अधिवक्ताओं को रिसीवर नियुक्त किया है, जो अब संघ के एकाउंट सहित अन्य कामकाज देखेंगे। जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने अधिवक्ता राजेश जायसवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया है। अदालत ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया से जवाब मांगा है। 

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अदालत ने पूछा कि जमशेदपुर जिला बार संघ की ओर से भेजी गई ऑडिट रिपोर्ट को सत्यापित करने की प्रक्रिया क्या है। अदालत ने इसकी पूरी जानकारी 21 अगस्त तक कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों की ओर से बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) के पत्र का हवाला देते हुए कहा गया कि जमशेदपुर जिला बार संघ ने बीसीआइ को ईमेल के जरिए ऑडिट रिपोर्ट भेजी थी। इसके बाद बीसीआइ की ओर से 15 अगस्त तक वहां चुनाव कराने का निर्देश दिया गया।

बीसीआइ ने बना दी है कमेटी

बीसीआइ ने इसके लिए कमेटी का भी गठन कर दिया है। इस पर अदालत ने बीसीआइ के अधिवक्ता से पूछा कि क्या आपके पास जिला बार संघ के बुक ऑफ एकाउंट के दस्तावेज भेजे गए थे, जिस पर उनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इस पर अदालत ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट को किस आधार पर सही मानते हुए बीसीआइ ने पत्र लिखा है। अदालत ने बीसीआइ से पूछा कि जिला बार संघ की ओर से कब और कौन-कौन से दस्तावेज भेजे गए हैं और उन्हें सत्यापित करने का क्या तरीका है। इसकी पूरी जानकारी के साथ अदालत में शपथ पत्र दाखिल करें। 

दोनों रिसीवर के जिम्मे एकाउंट व अन्य काम 

सुनवाई के दौरान अदालत ने जमशेदपुर जिला बार संघ के सबसे वरीय अधिवक्ता मनोरंजन दास व श्यामल चौधरी को जिला बार संघ का रिसीवर नियुक्त किया है। अब से संघ के एकाउंट सहित अन्य कार्य दोनों अधिवक्ता देखेंगे। यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जबतक की वहां चुनाव नहीं हो जाता है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर रिसीवर नियुक्त किए गए दोनों अधिवक्ताओं को कोई आपत्ति हो तो वो अगली सुनवाई के दौरान अदालत को अवगत करा सकते हैं। 

ऑडिट और चुनाव के लिए बार कौंसिल तैयार

सुनवाई के दौरान झारखंड स्टेट बार कौंसिल की ओर से पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता मनोज टंडन ने कोर्ट के बताया कि बार कौंसिल जमशेदपुर जिला बार संघ का चुनाव करना चाहता है। कौंसिल के नियम के अनुसार किसी भी संघ का ऑडिट तभी पूरा माना जाएगा, जब उसका ऑडिट कौंसिल की ओर से भेजे गए ऑडिटर ने किया हो। जमशेदपुर बार संघ ने खुद अपने द्वारा नियुक्त ऑडिटर से ऑडिट कराया है, जो मान्य नहीं है। ऑडिट करने के लिए कई बार कौंसिल की ओर से टीम भी भेजी गई, लेकिन संघ के लोगों ने उन्हें कोई सहयोग नहीं किया और टीम बिना ऑडिट की ही वापस लौट आई। 

संघ की रोजाना कमाई एक लाख रुपये

बता दें कि जमशेदपुर जिला बार संघ के अधिवक्ता राजेश जायसवाल की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर ऑडिट कराने व चुनाव कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि जिला बार संघ की प्रतिदिन की कमाई एक लाख रुपये है। आरोप है कि वहां के पदाधिकारियों ने मिलीभगत करके वित्तीय अनियमितता की है। 

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