झारखंड सरकार 350 किसानों को बांटेगी 65 करोड़ मछली जीरा
मानसून आने वाला है। इसके मद्देनजर झारखंड सरकार ने सरायकेला खरासावां जिले के किसानों को मछली का जीरा मुहैया कराने का निर्णय लिया है, ताकि वे तालाबों में मछली पालन कर जीवन यापन कर सकें।
जेएनएन, जमशेदपुर : मानसून आने से पहले सरायकेला खरासावां जिले में किसानों के बीच मछली का जीरा वितरण किया जाएगा। इसको लेकर जिला मत्स्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है। इस वर्ष जिले के 350 किसानों में कुल 65 करोड़ 50 लाख मछली जीरा का वितरण होना है। वहीं, जीरा के साथ साथ मत्स्य पालकों को जाल भी दिया जाएगा। जीरा व जाल 90 प्रतिशत के अनुदान पर दिया जाएगा। जिसमें मत्स्य पालकों को प्रति जाल के लिए दो हजार रूपये डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। जिला मत्स्य पदाधिकारी अरूप कुमार चौधरी ने बताया कि किसानों को दिए जाने वाले मछली जीरा को बड़ा आकार देने का काम किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें वृहद जल क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मछली जीरा वितरण होने से स्थानीय मत्स्य पालकों को सहजता से मछली जीरा उपलब्ध होगा। अरूप कुमार चौधरी ने बताया कि किसानों को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। जिसमें मछली के जीरा का देखभाल करने, फीड खिलाने आदि का जानकारी दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक किसान को मछली जीरा के साथ एक पैकेट फीड भी दिया जाएगा। अरूप कुमार चौधरी ने बताया कि वर्तमान समय में मत्स्य पालकों में मछली पालन के प्रति काफी रूची देखने को मिल रही है। पिछले वर्षों की तुलना में अब मत्स्य पालक मछली पालन कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पर्व में जानकारी के अभाव में मत्स्य पालकों को नुकसान होता था, लेकिन विभाग की ओर से प्रशिक्षण मिलने से उन्हें मछली पालन की सही विधि का जानकारी मिला है। जिले के कई ऐसे किसान हैं जो मछली पालन कर जीवन स्तर को ऊंचाईयों की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिले का चांडिल डैम मछली पालन में काफी आगे है। वर्तमान समय में चांडिल डैम के मछली पालन को राज्य में काफी सराहना महल रही है। जो कि नीला क्रांति के नाम के नाम से प्रसिद्ध हो चुका है।