Move to Jagran APP

झारखंड स्थापना दिवस : साकची चौक हुआ बिरसा चौक, हुई पत्थलगड़ी

झारखंड स्थापना दिवस पर गांव से लेकर शहर तक भगवान बिरसा मुंडा को याद किया गया। ग्रामीण क्षेत्राें में जहां धरती आबा को नमन किया गया। वहीं शहरों में कई कार्यक्रम भी आयोजित हुए। विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं भी हुई। साकची चौक का नाम भी बदला...

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 04:27 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 09:40 AM (IST)
झारखंड स्थापना दिवस : साकची चौक हुआ बिरसा चौक, हुई पत्थलगड़ी
साकची चौक हुआ बिरसा चौक, हुई पत्थलगड़ी। जागरण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । झारखंड स्थापना दिवस पर गांव से लेकर शहर तक भगवान बिरसा मुंडा को याद किया गया। ग्रामीण क्षेत्राें में जहां धरती आबा को नमन किया गया। वहीं शहरों में कई कार्यक्रम भी आयोजित हुए। विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं भी हुई। साकची चौक का नाम भी बदला गया। वहां भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद मूर्ति की स्थापना की भी घोषणा की गई।  शहीद सम्मारक समिति के बैनर तले जमशेदपुर के सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के सहयोग से साकची गोलचक्कर पर विधायक मंगल कालिंदी के नेतृत्व में पत्थलगड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

loksabha election banner

इस कार्यक्रम में सबसे पहले लोग साकची आमबगान में जुटे। वहां से रैली की शक्ल में हाथों में पत्थर लिए गोलचक्कर पहुंचे। इस दौरान  "बिरसा मुंडा को हूल जोहार", "अबुआ दिसुम रे अबुआ राज", "बिरसा तेरे सपनों को मंजिल तक हम पहुचायेंगे", "सम्पूर्ण झारखंड लेके रहेंगे" जैसे नारे लगते रहे। रैली साकची गोलचक्कतर में आकर सभा में तब्दील हो गई।

यहां लोगों द्वारा लाए गए पत्थर साकची गोलचक्कर में लगाया गया तथा साकची गोलचक्कर का नामकरण बिरसा मुंडा चौक कर दिया गया। साथ ही आह्वान किया गया कि नौ जून उलगुलान दिवस से पहले बिरसा मुंडा का आदम कद मूर्ति यहां स्थापित की जाएगी। साथ ही समिति ने झारखंड सरकार से मांग किया कि जमशेदपुर समेत झारखंड के तमाम चौक चौराहों का नामकरण वीर शहीदों के नाम से करें, ताकि झारखंड के वीरों का सम्मान हो सके।

आदिवासी संस्कृति दर्शन ने बालीगुमा में मनाई जयंती

जमशेदपुर : एमजीएम थाना क्षेत्र के बालीगुमा में आदिवासी संस्कृति दर्शन की ओर से राखल सोरेन के नेतृत्व में बिरसा मुंडा की जयंती सह झारखंड स्थापना दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम बिरसा मुंडा के तसवीर पर माल्यार्पण किया गया।इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मदन मोहन सोरेन ने कहा कि बिरसा मुंडा के सपने अब भी अधूरे हैं उसे पूरा करने का दायित्व हम लोगों को निर्वाह करना होगा। अपनी संस्कृति को प्रदूषित नहीं होने देना है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के आंदोलन के परिणाम ही सीएनटी एक्ट बना जिसके कारण झारखंडियों का जमीन सुरक्षित है लेकिन वर्तमान मे आज इसकी सख्ती से पालन नहीं होना दुःख की बात है। इस अवसर पर राखल सोरेन, दामू प्रामाणिक, सुफल सोरेन, किशुन मुर्मू, दुर्गा सोरेन, लखाई सोरेन, छोटे कच्छप, राजू ,विश्वनाथ, गांधी, जितेन, मंगल,फुदन,आदि उपस्थित थे।

आदिवासी एसोसिएशन सीतारामडेरा में लकी ड्रा

जमशेदपुर :  आदिवासी एसोसिएशन सीतारामडेरा जमशेदपुर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जमशेदपुर सीतारामडेरा आदिवासी एसोसिएशन के प्रांगण में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इनमें मुख्य रुप से आदिवासी एसोसिएशन जमशेदपुर सीतारामडेरा में  भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर एसोसिएशन  के अध्यक्ष  सोनाराम बोदरा के साथ अन्य पदाधिकारियों ने माल्यार्पण किया।

इसके उपरांत एसोसिएशन की अहम बैठक का आयोजन हुआ । इसी दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच एक लकी ड्रा प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के असलम, द्वितीय पुरस्कार सतीश पूर्ति, तृतीय पुरस्कार एमएस देवगन, सांत्वना पुरस्कार रजनी तिरिया, एसाव तिग्गा एवं सीएम तिरिया को दिया गया। मौके पर एसोसिएशन के सचिव मथुरा नाथ पूर्ति, सूरा बांद्रा, एम एन पूर्ति, मान सिंह देवगन, सेलाय टुडू,  कल्याण सिंह लमाए, देव परिया, आरके तिरिया, मनोज मेलगांडी, ठाकुर सिंह कालौंडिया उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.