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Jharkhand Assembly Election 2019 : खरसावां के कुचाई में दिखा नक्सलियों का खौफ, पांच बूथ में नहीं हुआ मतदान

Jharkhand Assembly Election 2019. खरसावां विधानसभा क्षेत्र के कुचाई में नक्‍सलियों का खौफ हावी रहा। पांच बूथ में मतदान ही नहीं हुआ जबकि चार बूथ पर दो-तीन फीसद वोट ही पड़े।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 01:19 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 04:59 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 : खरसावां के कुचाई में दिखा नक्सलियों का खौफ, पांच बूथ में नहीं हुआ मतदान
Jharkhand Assembly Election 2019 : खरसावां के कुचाई में दिखा नक्सलियों का खौफ, पांच बूथ में नहीं हुआ मतदान

खरसावां, वीरेंद्र ओझा। Jharkhand Assembly Election 2019 सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां विधानसभा में कम मतदान हुआ, जो उम्मीदवारों के लिए भी चिंता बढ़ाने वाला है। इस बार यहां 60.12 फीसद मतदान हुआ, जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां 75 फीसद वोट पड़े थे।

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मतदान कम होने से ज्यादा चिंता की बात है कि खरसावां के कुचाई प्रखंड में लगभग 45 फीसद मतदान हुआ। यहां के पांच बूथ में एक भी वोट नहीं पड़ा, जबकि चार बूथ में दो से तीन फीसद वोट पड़े। नक्सलियों के खौफ से पांच बूथ के 2967 मतदाता परिवार सहित दो दिन पहले ही गांव छोड़कर कहीं चले गए हैं। दूसरे चार बूथों पर ही कमोबेश यही स्थिति रही। 

लोकसभा चुनाव में हुआ था 46 फीसद मतदान

एक प्रशासनिक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले यहां ऐसी स्थिति नहीं थी। लोकसभा चुनाव तक इन गांवों में करीब 46 फीसद मतदान हुआ था। सरायकेला जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कुचाई प्रखंड के गिलुवा में दो वर्ष पूर्व पत्थलगड़ी की घटनाएं होने लगीं। इससे प्रशासन का आवागमन लगभग बंद हो गया। केंद्र व राज्य सरकार की कोई भी योजना-कार्यक्रम वहां होने बंद हो गए। स्थिति गंभीर होने पर करीब डेढ़ वर्ष पूर्व गिलुवा में सीआरपीएफ का पिकेट स्थापित किया गया। इससे नक्सलियों व पुलिस में टकराव की स्थिति तो टल गई, लेकिन ग्रामीणों से प्रशासन या सरकार की दूरी बढ़ गई। ना यहां से कोई जाता था, ना वहां के लोग किसी सुविधा या काम के लिए यहां आते थे।

गांव में एक भी आदमी नहीं

लोकसभा चुनाव में ही वहां के पांच बूथ (जोंबरो, कुमाई, रोलाहातू, तंबूरा व गिलुवा) को गिलुवा बूथ में स्थानांतरित (री-लोकेट) कर दिया गया था। लोस चुनाव में ग्रामीणों ने मतदान किया था, लेकिन इस बार तो गजब हो गया। गांव में एक भी आदमी नहीं है। दो दिन पहले हेलिकॉप्टर से गिलुवा में मतदान कर्मी व अद्र्धसैनिक बलों को भेजा गया था। पुलिस जवानों के पहुंचते ही ग्रामीण वहां से सपरिवार निकलने लगे। दो दिन में पूरा गांव खाली हो गया। मेरोमगंगा के चार बूथ में इक्का-दुक्का मतदाता बच गए थे, जिससे दो-तीन फीसद मतदान हो गया। कुचाई प्रखंड में 63 बूथ हैं, जहां इन नौ बूथों को छोड़कर लगभग 46 फीसद मतदान हुआ। 

पांच बूथ पर पुनर्मतदान की उम्मीद

खरसावां स्थित कुचाई प्रखंड के जिन पांच बूथों पर मतदान नहीं हुआ, वहां नौ दिसंबर को पुनर्मतदान होने की उम्मीद है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक पुनर्मतदान होना तो तय है, लेकिन यदि ग्रामीण दो दिन बाद भी नहीं लौटे तो क्या होगा। यह अहम सवाल है।

क्यों गांव छोड़कर भागे ग्रामीण

कुचाई प्रखंड के करीब डेढ़ दर्जन गांव-टोला के ग्रामीण आखिर गांव छोड़कर क्यों भागे। स्थानीय लोगों ने बताया कि नक्सलियों ने ग्रामीणों को वोट नहीं देने की चेतावनी दी थी। यदि ग्रामीण गांव में रहते तो प्रशासन बंदूक की नोक पर घर से उठाकर वोट डलवा लेता। उसके बाद ग्रामीणों के साथ नक्सली क्या करते, बस सोच लीजिए। ऐसे में ग्रामीणों ने कोई झंझट मोल लेने से बेहतर वहां से निकल जाना बेहतर समझा।


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