Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019 : बूथ मैनेजमेंट में होगा बहुत कुछ 'मैनेज'

Jharkhand Assembly Election 2019. चुनाव के दिन बूथ मैनेजमेंट की भूमिका अहम हो जाती है। जिस पार्टी का बूथ मैनेजमेंट प्रभावी होगा उसे फायदा मिल सकता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 04:44 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 : बूथ मैनेजमेंट में होगा बहुत कुछ 'मैनेज'
Jharkhand Assembly Election 2019 : बूथ मैनेजमेंट में होगा बहुत कुछ 'मैनेज'

जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। Jharkhand Assembly Election 2019 कोल्हान की 13 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को मतदान है। चुनावी रण में कौन जीतेगा और कौन हारेगा, यह तो वक्त के गर्भ में छिपा है। लेकिन, अंतिम समय में बाजी अपने पक्ष में करने के लिए सभी प्रत्याशी कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहते। ऐसे में चुनाव के दिन बूथ मैनेजमेंट की भूमिका अहम हो जाती है। जिस पार्टी का बूथ मैनेजमेंट प्रभावी होगा, उसे फायदा मिल सकता है। 

loksabha election banner

इस काम में नेता हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं। पोलिंग बूथ पर एजेंटों की तैनाती से लेकर वोट खरीदने तक का खेल चलता है। कई तरह के दस्ते बनाए जाते हैं तो फर्जी वोटिंग से लेकर वोटिंग के निशान तक को मिटाने की कोशिश होती है। इन सबके लिए अभी से ही प्रमुख प्रत्याशियों ने पूरी योजना तैयार कर ली है। कौन बूथ पर किसका ड्यूटी है, इसकी सूची अभी से ही तैयार हो गई है। हर क्षेत्र में जिस भी समुदाय का वर्चस्व है, उसको बूथ का एजेंट बनाया गया है। सिर्फ पूर्वी सिंहभूम में 1885 बूथ हैं। 

एक पोलिंग बूथ पर दो एजेंट

एक पोलिंग बूथ पर किसी भी प्रत्याशी के दो एजेंट तैनात होते हैं। एक मतदान स्थल पर तो दूसरा उसका रिलीवर होता है। इन एजेंटों को एक पोलिंग बस्ता मुहैया कराया जाता है। एक बूथ पर प्रत्याशी 500 से लेकर दो हजार रुपये प्रति एजेंट तक खर्च कर रहे हैं। 

मतदाताओं को अपने टेंट में बुलाने की होड़

पार्टियों ने यह भी तैयारी कर ली है, जैसे ही कोई मतदाता मतदान स्थल पर पहुंचे, उसे अपने टेंट में बुलाकर उसका आवभगत किया जाए। मतदाता को अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने की मिन्नत करने को कहा गया है।

स्याही मिटाने वाला दस्ता भी तैनात

कुछ प्रत्याशी एक से ज्यादा वोट डालने के लिए एक ऐसे दस्ते का गठन करते हैं जो वोटिंग के लिए लगाई गई स्याही को मिटाते हैं। स्याही मिटाने के लिए आंखा के दूध का इस्तेमाल किया जाता है। उसे लगाने के कुछ ही सेंकेंड में स्याही का निशान मिट जाता है। आजकल बाजार में स्याही के निशान मिटाने के लोशन भी आ गए हैं। कई ऐसे वोटर होते हैं जो दो या तीन बार वोट डालते हैं। यह दस्ता बार-बार स्याही मिटाकर वोट डलवाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कैश टीम भी

सूत्रों की मानें तो अभी से ही ग्रामीण इलाकों में मोबाइल कैश टीम तैनात कर दी है। तमाम इलाकों में एक-एक मकान में मजदूरी करने वाले 50 से 100 तक लोग रहते हैं। 

अधिकारियों की भी खूब होती खातिरदारी

पार्टी समर्थकों को पोलिंग बूथ पर तैनात अधिकारियों और पुलिस के लोगों की रात भर खातिरदारी करने को कहा गया है। उनके खाने का इंतजाम से लेकर रहने तक का भी इंतजाम की व्यवस्था प्रमुख प्रत्याशी के समर्थक करने में जुटे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.