Jharkhand Assembly Election 2019 : वोटिंग प्रतिशत में जमशेदपुर पश्चिम रहा फिसड्डी
Jharkhand Assembly Election 2019 2nd phase Voting. तदान के आंकडों को देखे तो जमशेदपुर पश्चिम का वोटिंग प्रतिशत पूर्वी सिंहभूम के सभी छह विधानसभा में फिसड्डी रहा।
जमशेदपुर, जासं। Jharkhand Assembly Election 2019 2nd phase Voting शनिवार को हुए मतदान के आंकडों को देखे तो जमशेदपुर पश्चिम का वोटिंग प्रतिशत पूर्वी सिंहभूम के सभी छह विधानसभा में फिसड्डी रहा।जमशेदपुर पश्चिम के अधिकतर बूथों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के साथ मतदाताओं का बेहतर रुझान दिखा, लेकिन जैसे-जैसे धूप चढ़ी मतदाताओं का उत्साह भी कम होती गई।
दोपहर एक बजे तो कई बूथों में मतदाता न के बराबर दिखे। वहीं, शाम चार बजते-बजते तो जब वोटिंग प्रतिशत 40 प्रतिशत के आसपास रहा तो कुछ बूथों पर प्रतिनियुक्त ब्लॉक लेवल ऑफिसर के पसीने छूटने लगे। वे विभिन्न पार्टियों के एजेंटों से ही अपील करने लगे कि कई वोटर जो आसपास की बस्तियों के हैं, वे अभी तक नहीं पहुंचे हैं, उन्हें मतदान केंद्रों तक लाएं, लेकिन इसका भी ज्यादा लाभ नहीं मिला। कुछ एजेंटों का यहां तक कहना था कि मतदाताओं का रुझान जितना लोकसभा चुनाव में देखने को मिला, उसका आधा भी विधानसभा में नहीं दिखा। इसका असर सोनारी, कदमा, धातकीडीह, बिष्टुपुर, मानगो के कई इलाकों में दिखा, जहां वोटरों की उपस्थिति काफी कम रही। वहीं, मुस्लिम बहुल इलाकों में भी मतदाताओं को रुझान काफी कम रहा।
पांच बार सबसे पहले वोट करने का है माया राम का रिकार्ड
सोनारी बुधराम मोहल्ला के रहने वाले 65 वर्षीय माया राम का दावा है कि वे पिछले पांच चुनावों में सबसे पहले वोट डालते हैं। माया राम बताते हैं कि वोट डालने के लिए सुबह छह बजे से पहले ही बूथ पर पहुंच कर मैं अपना नंबर लगा देता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरा यह रिकार्ड आगे भी बरकरार रहे। माया राम अपने दोनों बेटे भूपेंद्र और खेम के साथ मतदान करने सोनारी स्थित गुरुजात संघ आए थे।
85 वर्षीय शांति बेन भी मतदान को पहुंची
सोनारी नॉर्थ एरिया की रहने वाली 85 वर्षीय शांति बेन जोशी भी अपने परिवार के साथ देवेंद्र संघ में मतदान के लिए पहुंची थी। अपने बेटी और बहू के साथ शांति बेन वोट देकर काफी खुश थी। उनके परिजन बताते हैं कि मां सुबह से ही वोट देने को जाना है इसलिए जल्द तैयार हो गई थीं।
आदर्श बूथ में बिछी थी रेड कारपेट
जिला निर्वाचन विभाग द्वारा आदर्श बूथ को बेहतर ढ़ंग से सजाया गया था। बूथ के बाहर बैलून से दरवाजा बना था। वहीं, अंदर में सभी मतदाताओं के लिए रेड कारपेट बिछाई गई थी। जबकि अंदर बैठने के लिए कुर्सियां, सेल्फी प्वाइंट, पीने के लिए पानी की भी व्यवस्था की गई थी।
हर बूथ के बाहर लगा था विवरण
झारखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार सभी बूथों के बाहर एक पोस्टर चिपकाया गया था। इसमें विधानसभा क्षेत्र का नाम, मतदान केंद्र की संख्या, कुल मतदाता, मतदान केंद्र का लोकेशन, भवन का नाम, पीठासीन पदाधिकारी का नाम सहित बूथ लेवल ऑफिसर व निर्वाचन पदाधिकारी का नाम का उल्लेख दिया गया था। साथ ही इसमें बताया गया था कि चुनाव का समय सुबह सात से शाम पांच बजे तक है।
मतदाताओं को दो बार लाइन लगना नहीं आया रास
झारखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार सभी ब्लॉक लेवल ऑफिसर (बीएलओ) बूथ एप दिए गए थे। मतदाताओं को पर्चा लेकर पहले इनके पास जाना था। वे पर्चे का क्यूआर कोड स्कैन करते, संबधित मतदाता का ऑनलाइन रजिस्ट्री होती। इसके बाद बीएलओ मतदाताओं को एक पर्ची देते, लेकिन इस प्रक्रिया में काफी समय लग रहा था, जिसके कारण मतदाताओं को पहले बीएलओ के पास और दूसरी बार वोट डालने के लिए लाइन लगना पड़ रहा था। इससे कई मतदाता नाराज भी दिखे। कुछ भी वोट नहीं देकर वापस घर भी लौट गए। उनका कहना था कि आखिर मतदान को इतना पेचिदा क्यों किया जा रहा है? ऐसा वाक्या सोनारी स्थित बूथ नंबर 22 देवेंद्र संघ में देखने को मिला।
आदर्श बूथों पर मिली दवाएं
जिला निर्वाचन विभाग द्वारा आदर्श बूथों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए कई तरह की दवाएं भी दिए जा रहे थे। कदमा स्थित जुस्को स्कूल के बूथ संख्या 107 में सदर अस्पताल से सत्यम कुमार यहां तैनात थे। जो मतदाताओं को ओआरएस का घोल सहित पेट दर्द, बुखार, सिर दर्द, हाथ-पैर दर्द के अलावे मूव व दर्द के लिए स्प्रे साथ रखे हुए थे। जो मतदाता जिस बीमारी की दवा मांगते, सत्यम उनका नाम व बूथ संख्या लिखकर उन्हें दवा दे देते।