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Lok Sabha Election 2019 : झारखंड, बंगाल और ओडिशा के अधिकारियों की बैठक, ये रहा एजेंडा

Lok Sabha Election 2019. शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव की तैयारी के लिए एसएसपी दफ्तर में बुधवार को झारखंड पश्चिम बंगाल व ओडिशा के पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की बैठक होगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 08:08 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : झारखंड, बंगाल और ओडिशा के अधिकारियों की बैठक, ये रहा एजेंडा
Lok Sabha Election 2019 : झारखंड, बंगाल और ओडिशा के अधिकारियों की बैठक, ये रहा एजेंडा

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए एसएसपी दफ्तर में बुधवार को झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा के पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की बैठक होगी। इसमें नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने की रणनीति बनेगी।

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पूर्वी सिंहभूम जिले से ओडि़शा के मयूरभंज, क्योंझर, तिरिंग, रायरंगपुर व झारपोखरिया, पश्चिम सिंहभूम से ओडि़शा के राउरकेला का इलाका सटता है। पश्चिम बंगाल का पुरुलिया, बलरामपुर, पश्चिमी मिदनापुर के क्षेत्र पूर्वी सिंहभूम जिले से सटे हुए हैं। इससे पूर्व तीनों राज्यों की पुलिस की दो बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें पूर्वी सिंहभूम के ओडिशा सीमा के 60 किलोमीटर के दायरे में छह और पश्चिम बंगाल सीमा क्ष्ेात्र के दायरे में आठ चेकनाका बनाने पर सहमति बनी थी। एसएसपी अनूप बिरथरे ने बताया बैठक में 20 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।

बैठक में रहेंगे ये अधिकारी

कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त विजय कुमार सिंह, डीआइजी कुलदीप द्विवेदी, सीआरपीएफ के डीआइजी, जमशेदपुर के एसएसपी अनूप बिरथरे, ग्रामीण एसपी सुभाष जाट, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, झाडग़्राम, मिदनापुर, बलरामपुर, ओडि़शा राउरकेला के डीआइजी, मयूरभंज, क्योंझर, बारीपदा, रायरंगपुर, तिङ्क्षरग के पुलिस अफसर, रांची, खूंटी, सरायकेला-खरसावां, चाईबासा के एसपी, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन के कमांडेंट, सहायक कमांडेंट।

इन बिंदुओं पर होगा विचार-विमर्श

  • सीमा पर पुल, पुलिया व सड़क की जांच करने। 
  • नक्सल संबंधी खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान।
  • नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने की रूपरेखा।
  • ओडिशा व पश्चिम बंगाल में चुनाव होंगे तब झारखंड में और झारखंड जब चुनाव होंगे तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल में संयुक्त अभियान चलाने।  
  •  नक्सलियों के शहरी कनेक्शन का पता लगाने और मददगार का पता लगाने।
  •  इनामी नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने व जानकारी साझा करने।
  •  नक्सल मुक्त कराए गए इलाकों की निगरानी करने।
  •  अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह, शराब, मादक द्रव्य तस्कर की सूची आदान-प्रदान किए जाने।

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