राजस्थान जैसी पिद्दी टीम से भी पार नहीं पाया जेएफसी रिजर्व्स
जमशेदपुर एफसी की रिजर्व टीम सीनियर टीम की राह पर है। टीम के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग रहने और फिटनेस के लिए ट्रेनर और कोच की व्यवस्था है। लेकिन टीम की पिछले तीन वषरें से प्रदर्शन सामान्य से भी घटिया रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर एफसी की रिजर्व टीम सीनियर टीम की राह पर है। टीम के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग, रहने और फिटनेस के लिए ट्रेनर और कोच की व्यवस्था है। लेकिन टीम की पिछले तीन वषरें से प्रदर्शन सामान्य से भी घटिया रहा है।
जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बुधवार को खेले गए मैच में जेएफसी रिजर्व टीम सेकेंड डिवीजन आइलीग के मैच में राजस्थान की टीम के खिलाफ ड्रॉ कर बैठी। इससे पहले टीम को कोलकाता में एटीके के खिलाफ जमशेदपुर को हार का मुंह देखना पड़ा था। खासतौर से टीम के साथ लगातार कोच का एक्सपेरिमेंट चल रहा है। पहले साल हिलाल कोच की भूमिका में थे। टीम कुछ खास नहीं कर सकी और सीजन बीत गया उसके दूसरे सीजन में के स्थान पर आनन-फानन में कुंदन चंद्रा कोच की जिम्मेदारी दी गई। कुंदन चंद्रा ग्रासरुट लेवल पर अपने कायरें को बखूबी अंजाम दे रहे थे, लेकिन कोचिंग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। इसके बाद उन्होंने टीम को खड़ा करने का प्रयास किया, लेकिन इतनी जल्दी टीम उखड़ा करना संभव नहीं था एक बार फिर दूसरे सीजन में भी रिजर्व टीम अंक तालिका में नीचे से फिर शीर्ष स्थान के लिए संघर्ष करती रही। तीसरे सीजन में एक बार फिर से कुंदन चंद्रा को हटाकर नोएल को कोच बनाया गया है। एक बार फिर से रिजर्व टीम का प्रदर्शन खराब दिखाई दे रहा है । लेकिन इसका ठीकरा फिर से कोच के माथे पर नहीं टूटेगा, एक बार फिर से मैनेजमेंट कटघरे में होगी। जमशेदपुर एफसी में एडजस्टमेंट का प्रयोग चल रहा है। सेकेंड डिवीजन में एक मैच जीतने के लिए टीम तरसती रहती है। हालत यह है कि टीम को राजस्थान एफसी की साधारण टीम के खिलाफ जीत के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।