टाटा स्टील ने बनाई जेएफसी रिजर्व टीम
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील ने इंडियन सुपर लीग में पदार्पण करने के बाद जेएफसी (ज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :
टाटा स्टील ने इंडियन सुपर लीग में पदार्पण करने के बाद जेएफसी (जमशेदपुर फुटबॉल क्लब) की रिजर्व टीम भी बना ली है। इस टीम में 17 टीएफए (टाटा फुटबॉल एकेडमी) के खिलाड़ी हैं, जबकि पांच स्थानीय फुटबॉलर भी शामिल हैं।
इसकी घोषणा शनिवार को जेएफसी के सीइओ मुकुल चौधरी ने की। जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में संवाददाता सम्मेलन के दौरान की। चौधरी ने बताया कि टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों का चयन गहन परीक्षण के बाद किया गया है, इसके बावजूद इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने के लिए अलग से कोच नियुक्त किए गए हैं। इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर निखारने के लिए बड़े-बड़े टूर्नामेंट में भेजा जाएगा। इसकी शुरुआत 14 मार्च को कोलकाता में होगी, जहां यह टीम मोहम्मडन स्पोर्टिग क्लब से भिड़ेगी। मैच लीग आधार पर होगा, जिसमें मेजबान की भूमिका जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स निभाएगी।
यह टीम टिनप्लेट मैदान में नियमित अभ्यास करेगी, जबकि खिलाड़ियों के ठहरने की सुविधा इसके आसपास की जाएगी। टीम के हेड कोच हिलाल रसूल ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि ये लड़के आइएसएल के अगले सीजन में जेएफसी की मुख्य टीम से खेलेंगे। इस मौके पर टाटा स्टील के हेड आशीष कुमार भी उपस्थित थे।
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जेएफसी रिजर्व टीम
रिजर्व टीम में जो स्थानीय खिलाड़ी लिए गए हैं, उनमें गोराचंद मार्डी, गौरव मुखी, रायसेन हांसदा, रवि भूमिज व अमृत गोप शामिल हैं। इनके अलावा इसमें टीएफए के शुभम घोष, राकेश यादव, विजय कुमार, हर्ष पाउड़ी, विशाल दास, फिरोज खान, मोबासिर रहमान, स्वरूप दास, प्रकाश नाइक, प्रवीण, श्रृंजय दत्ता, बासेत हांसदा, बिल्लू टिल्ली, नरेश सिंह, करण दीप व हरप्रीत सिंह शामिल हैं।
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टेक्निकल स्टाफ
हेड कोच : हिलाल रसूल पर्रे
असिस्टेंट कोच : मिहिर सावंत
टीम मैनेजर : रोहित सिंह
फिजियो : अर्घ्य बासु
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30 वर्ष बाद नई पहल
टाटा स्टील ने फुटबॉल के क्षेत्र में 30 वर्ष बाद नई पहल की है। कंपनी ने वर्ष 1983 में टाटा फुटबाल एकेडमी की परिकल्पना की थी, जिसकी शुरुआत वर्ष 1987 में हुई। इसके 30 वर्ष बाद वर्ष 2017 में जेएफसी (जमशेदपुर फुटबॉल क्लब) के रूप में टाटा स्टील ने नया अध्याय लिखा। टीएफए से अब तक 213 फुटबॉलर प्रशिक्षित हुए हैं, जिनमें 141 खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनमें 24 कैडेट अलग-अलग आयु वर्ग की टीम में भारतीय फुटबॉल टीम का नेतृत्व भी कर चुके हैं।