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Jamshepur के कई इलाके डेंगू, जेई व चिकुनगुनिया का डेंजर जोन...जानें अपने इलाके का हाल

Jamshepur News पूर्वी सिंहभूम में मच्छरों की संख्या काफी अधिक है जो हर साल कहर बरपाता है। ऐसे में सभी को सावधान होने की जरूरत है। जिला स्वास्थ्य विभाग को डर है कि अगर एक साथ कोरोना व मच्छरजनित बीमारियां आई तो उससे निपटना काफी मुश्किल हो जाएगी।

By Sanam SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 12:52 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 12:52 PM (IST)
Jamshepur के कई इलाके डेंगू, जेई व चिकुनगुनिया का डेंजर जोन...जानें अपने इलाके का हाल
Dengue News : स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर 0657-2317223 व 2234749।

अमित तिवारी, जमशेदपुर : कोरोना के साथ-साथ जिला स्वास्थ्य विभाग डेंगू, चिकुनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) से भी लड़ने का तैयारी कर रहा है। बरसात शुरू हो गई है। इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। एडिस मच्छर काटने से डेंगू, चिकुनगुनिया व जीका बुखार होता है। वहीं, क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर काटने से जेई होता है। पूर्वी सिंहभूम जिले में इन मच्छरों की संख्या काफी अधिक है, जो हर साल कहर बरपाता है। ऐसे में सभी को सावधान होने की जरूरत है। जिला स्वास्थ्य  विभाग को डर है कि अगर एक साथ कोरोना व मच्छरजनित बीमारियां आई तो उससे निपटना काफी मुश्किल हो जाएगी। इसे देखते हुए विभाग ने बीते पांच साल का आकलन करते हुए डेंजर जोन घोषित किया है। इन क्षेत्रों में डेंगू, चिकुनगुनिया व जेई के लगभग 75 प्रतिशत मरीज पाए गए हैं। बीते पांच साल में डेंगू, चिकुनगुनिया व जेई के कुल 1073 मरीज मिले हैं। वहीं, 12 मरीजों की मौत हुई है।

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एक गाड़ी रवाना, जल्द होगी दूसरी

मच्छरजनित बीमारियों से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य व टाटा स्टील की टीम मिलकर विशेष रणनीति तैयार की गई है। डेंजर जोन के लोगों को जागरूक करने के लिए एक जागरूकता गाड़ी रवाना की गई है। वहीं, दूसरी गाड़ी भी जल्द भेजी जाएगी। गाड़ी के साथ उन क्षेत्रों में बैनर-पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं। वहीं, जिला मलेरिया व फाइलेरिया विभाग की टीम उन क्षेत्रों में जाकर जांच अभियान चला रही है। इस दौरान लोगों को बीमारी से बचने के टिप्स के साथ-साथ हेल्पलाइन नंबर 0657-2317223 व 2234749 जारी किया गया है।

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डेंगू, चिकुनगुनिया के लक्षण

- अचानक तेज बुखार आना, पहचान खोना।

- तेज सिर दर्द।

- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द।

- जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द।

- छाती और हाथों में खसरा जैसे चकते या दाने निकल आना।

- भोजन में अरुचि।

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किस साल कितने मिले रोगी व कितने की हुई मौत

वर्ष : डेंगू : चिकुनगुनिया : जेई : मौत

2017 : 456 : 09 : 02 : 04

2018 : 65 : 00 : 06 : 00

2019 : 408 : 19 : 28 : 02

2020 : 07 : 04 : 02 : 02

2021 : 38 : 15 : 13 : 04

2022 : 00 : 01 : 00 : 00

कुल : 974 : 48 : 51 : 12

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इन इलाकों को डेंजर जोन घोषित किया गया

- डेंगू के लिए डेंजर जोन : भुईयांडीह, भालुबासा, सीतारामडेरा, एग्रिको, सिदगोड़ा, बारीडीह, नीलडीह, नामदा बस्ती, गोलमुरी, टिनप्लेट, टेल्को, खंडगाझार, घोड़ाबांधा, छोटा गोविंदपुर, बिरसानगर, जुगसलाई, कीताडीह, बागबेड़ा, हरहरगुट्टू, सरजामदा, गोलपहाड़ी, परसुडीह, करनडीह, सुंदरनगर, मानगो, डिमना रोड, आजाद नगर, साकची, बाराद्वारी, काशीडीह, बर्मामाइंस, बिष्टुपुर, धतकीडीह, शास्त्रीनगर कदमा, सोनारी।

- चिकुनगुनिया के लिए डेंजर जोन : मानगो, डिमना चौक, भालुबासा, सिदगोड़ा, गोलमुरी, साकची, सोनारी, कदमा, धतकीडीह, टेस्को, बिरसानगर, गोविंदपुर, चाकुलिया, पोटका।

- जेई के लिए डेंजर जोन : भुईयांडीह, भालुबासा, सीतारामडेरा, एग्रिको, सिदगोड़ा, बारीडीह, सोनारी, छोटा गोविंदपुर, परसुडीह, मानगो, आजादनगर, बहरागोड़ा, पोटका, गालूडीह, मुसाबनी।

बरसात के दिनों में कई तरह की बीमारियां फैलती है। डेंगू, चिकुनगुनिया व जेई के मरीज भी बढ़ने लगते हैं। ऐसे में सभी को सावधान होने की जरूरत है।

- डा. साहिर पाल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।


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