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जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज को डंप हो रहे स्लैग से खतरा, कभी धंस सकती है कॉलेज की दीवार Jamshedpur News

जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज कैंपस में बड़ी मात्रा में स्लैग (ईटापत्थर गिट्टी मिट्टी आदि) फेंका जा रहा है। इतनी काफी मात्रा में फेंकने के कारण कॉलेज के दीवार की ऊंचाई छोटी पड़ने लगी है। ऐसे ही स्थिति में कॉलेज की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 03:16 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 03:16 PM (IST)
जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज को डंप हो रहे स्लैग से खतरा, कभी धंस सकती है कॉलेज की दीवार Jamshedpur News
जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपते सागर ओझा।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज एक बस्ती के कोने पर स्थित है। इसका एक कोना स्वर्णरेखा नदी से एवं शेष तीन भाग बस्ती से सटा हुआ है । प्रत्येक वर्ष स्वर्णरेखा नदी में बाढ़ आने के कारण कॉलेज की जमीन का कटान होता जा रहा है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो कॉलेज का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

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इस ओर से चारदीवारी का निर्माण करने की जरूरत महसूस की जाती रही है। कॉलेज की चारदीवारी का निर्माण बस्ती की ओर से तीनों कोनों पर काफी समय पहले हुआ था। अभी चारदीवारी को देखने से लगता है कि दीवार किसी भी वक्त धंस सकती है। साथ ही दीवार की ऊंचाई भी कम हो गई है। ऊंचाई कम होने के कारण किसी भी वक्त कॉलेज की सुरक्षा में चूक हो सकती है। कॉलेज के बी-ब्लॉक के पीछे की तरफ चारदीवारी के ठीक बाद बस्ती आरंभ हो जाती है। अभी उस ओर से कॉलेज कैंपस में बड़ी मात्रा में स्लैग (ईटा,पत्थर ,गिट्टी, मिट्टी आदि) फेंका जा रहा है। इतनी काफी मात्रा में फेंकने के कारण कॉलेज के दीवार की ऊंचाई छोटी पड़ने लगी है। ऐसे ही स्थिति में कॉलेज की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है।

छात्रसंघ प्रतिनिधि ने प्राचार्य का खींचा ध्‍यान

इस मामले को लेकर जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज छात्रसंघ के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सागर ओझा ने प्राचार्य डा. एसपी महालिक को सोमवार को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि ब्लॉक सी जहां वोकेशनल कोर्स के पढ़ाई होती है उसमें भी कचरा लगातार फेंकने के कारण कॉलेज की दीवार के अंदर कचरे का ढेर बन सा गया है। वोकेशनल विभाग के ठीक बगल में महिला शौचालय का निर्माण लगभग छह साल पहले हुआ था। इसके निर्माण में लाखों रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन आज के समय में वह बिल्डिंग एक खंडहर में तब्दील हो गई है । इस बिल्डिंग में ना तो दरवाजे हैं और ना ही टंकी और पंखे , लाइट । सभी उपकरणों गायब हो गई है। इन सभी बिंदुओं पर ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द कॉलेज की चारदीवारी का निर्माण एवं दीवार के ऊपर कटीले तार का लगवाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही जिस प्रकार से कचरे का अंबार और स्लैग भराई कालेज के पीछे कराई जा रही है, उस पर रोक लगाई जाए। 


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