जमशेदपुर को शहरी गैस वितरण परियोजना की सौगात, पाइप लाइन से घरों तक पहुंचने लगी रसोई गैस Video
झारखंड के जमशेदपुर को शुक्रवार को शहरी गैस वितरण परियोजना की सौगात मिली। फिलहाल शहर के सोनारी इलाके के ढाई हजार घरों में पाइप लाइन से रसोई गैस पहुंचने लगी है।
जमशेदपुर, जेएनएन। केंद्र और राज्य सरकार का सपना है "ईज ऑफ लाइफ" के तहत जनता तक सीधे सुविधा पहुंचे। उसी निमित्त आज जमशेदपुर शहरी गैस पाइप लाइन आपूर्ति योजना का शुभारंभ हुआ। यह योजना गांव तक जाएगी, जिस तरह लोगों को घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पेयजल की आपूर्ति की जाती है। उस तरह गैस की आपूर्ति को भी सुनिश्चित करने की हमारी परिकल्पना अब यथार्थ रूप ले रही है। यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को जमशेदपुर में शहरी रसोई गैस वितरण परियोजना के उद्घाटन के मौके पर कही।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व रांची में योजना का शुभारंभ हो चुका है। आने वाले दिनों में सिलेंडर की जरूरत लोगों को नहीं होगी। क्योंकि घर-घर पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति को हम सुनिश्चित करेंगे। आज यहां से 811 करोड़ रुपये की योजना का शुभारंभ हो रहा है। बरही में गैस बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी गई, इससे क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। योजना के तहत 161 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार लगातार 2014 से पूर्व की स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास कर रही है।
इन योजनाओं का भी उदघाटन व शिलान्यास
जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में शहरी गैस वितरण परियोजना के उद्घाटन के अलावा पुरुलिया-जमशेदपुर नेचुरल गैस पाइपलाइन योजना का कार्य प्रारंभ एवं बरही स्थित एचपीसीएल एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास भी किया गया। दास ने कहा कि गैस आपूर्ति योजना पेट्रोलियम मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार ने त्वरित गति से जमीन उपलब्ध कराते हुए योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान करने में अपना भरपूर सहयोग दिया है, जिसका परिणाम अब हमारे सामने परिलक्षित हो रहा है और हम इसके गवाह बन रहे हैं।
चूल्हा और रिफिल में उपलब्ध कराया जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और राज्य की जनता को प्रदूषण रहित ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 8 करोड़ लोगों को योजना से लाभान्वित किया गया। झारखंड में 40 लाख परिवारों को योजना का लाभ मिला। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जो योजना के तहत चूल्हा व रिफिल भी मुफ्त उपलब्ध कराता है। केंद्र और राज्य सरकार से यहां के लोगों को डबल फायदा मिल रहा है। राज्य के 35 किसान भी डबल फायदा से आच्छादित हैं।
केंद्र सरकार ने पूर्वी भारत को बदलने का लिया है संकल्प
केंद्रीय मंत्री जनजातीय कार्य अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्वी भारत को बदलने का संकल्प लिया है। 2019 से 2024 का संकल्प नए भारत गढ़ने का है। हम सब मिलकर इस संकल्प को पूरा करेंगे। हम अपनी विशेषताओं के बल पर विश्व के अग्रणी राष्ट्र के रूप में खुद को स्थापित करने का प्रयास करेंगे। आज जमशेदपुर के लोगों को बड़ा लाभ प्राप्त हुआ है। गैस पाइपलाइन के माध्यम से जमशेदपुर के मानगो, सोनारी क्षेत्र में लोगों को गैस उपलब्ध होगा । अब शहर के साथ-साथ गांव को भी इन योजनाओं से जोड़ने की परिकल्पना को साकार रूप दिया जाएगा। इससे समय, ईंधन और राशि की बचत भी होगी। क्योंकि प्रत्येक परिवार के जीवन में दो चीजें जरूरी है खुशी और आयु। अगर हमें प्रदूषण रहित ईंधन प्राप्त होगा तो हमारा स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। सरकार की प्रतिबद्धता जनता से जुड़े मामलों को यथाशीघ्र धरातल पर उतारना है। स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है। हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए कार्य प्रारंभ किए गए हैं।
आधुनिक जमशेदपुर बनाया जाए इसकी कोशिश की गई
केंद्रीय मंत्री पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं इस्पात धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जमशेदपुर की पहचान औद्योगिक केंद्र के रूप में है। सरकार ने इसे और आधुनिक बनाने का प्रयास किया है। आज पाइपलाइन के माध्यम से घरेलू ईंधन पहुंचाने का शुभारंभ हुआ। पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां में भी गैस पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति की जाएगी। ऑटो, छोटे वाहन, बसों में सीएनजी के उपयोग से एक स्वच्छ और प्रदूषण रहित ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। यह सस्ता है। एक ऑटो चालक सीएनजी के माध्यम से 3 से 5 हजार रुपये की बचत कर सकता है। इस बचत से उसे बड़ी राहत मिलेगी। जमशेदपुर आधुनिक व्यवस्था से जुड़े क्या हमारा लक्ष्य ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत 50 साल में जो नहीं हुआ वह अब होगा। झारखंड अपार संभावना का क्षेत्र है। इसकी संभावनाओं को तलाशने का प्रयास 2014 के बाद से हुआ है। केंद्र सरकार पूर्वी भारत के विकास को प्राथमिकता दे रही है। आधारभूत संरचना हो या लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की बात। इन सब का एक बड़ा हिस्सा पूर्वी भारत को मिल रहा है।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर खाद्यय एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय, जमशेदपुर सांसद विद्युतवरण महतो, पोटका विधायक मेनका सरदार, विधायक घाटशिला लक्ष्मण टुडू, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण, सीएमडी गेल आशुतोष कर्नाटक, उपायुक्त जमशेदपुर रविशंकर शुक्ला, वरीय आरक्षी अधीक्षक अनूप बिरथरे, गेल के पदाधिकारी, एचपीसीएल के पदाधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
यह भी जानना जरूरी है
●जमशेदपुर की कंचन सिंह ने LPG का उपयोग कर जमशेदपुर गैस पाइपलाइन योजना का शुभारंभ किया।
●मानगो स्थित सीएनजी स्टेशन से ऑटो चालक रामअवतार गिरी ने अपने ऑटो में सीएनजी भर कर योजना का किया शुभारंभ।
●जमशेदपुर के 1 हजार उपभोक्ताओं को पीएनजी का उपभोग करने लगे।
●ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत झारखण्ड के 12 जिलों से 551 किलोमीटर की दूरी तयकर गैस पाइपलाइन गुजर रही है।
●परियोजना के तहत 2500 करोड़ का निवेश हो रहा है।
●बरही स्थित LPG बॉटलिंग प्लांट के माध्यम से 1 करोड़ 28 लाख बॉटलिंग होगी। 26 एकड़ क्षेत्रफल 161.5 करोड़ की लागत से प्लांट का निर्माण होगा।
At the inauguration of Piped Natural Gas connections in Jamshedpur along with Shri @dasraghubar. https://t.co/93liz8pXtR" rel="nofollow — Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 1, 2019
पुरुलिया से जमशेदपुर 125 किलोमीटर लंबी लाइन
उन्होंने कहा कि पुरुलिया से जमशेदपुर तक 125 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछेेगी। यह स्परलाइन पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के भौगोलिक क्षेत्रों के सीजीडी नेटवर्क को आपूर्ति करेगी। ऑटोमोबाइल उद्योग के साथ-साथ कई रोलिंग स्टील, तार और पाइप उद्योग भी किफायती और निरंतर उपलब्धता वाले इस ईंधन से लाभान्वित होंगे।
परियोजना का क्षेत्रफल 3562 किलोमीटर
जमशेदपुर शहरी गैस वितरण परियोजना का कुल क्षेत्रफल लगभग 3562 वर्ग किलोमीटर है। इस सीजीडी परियोजना के तहत एक लाख से अधिक घरों को लाभान्वित किया जाएगा। 125 वाणिज्यिक कनेक्शन, 85 औद्योगिक कनेक्शन और कई सीएनजी वाहन भी लाभान्वित होंगे। यह जमशेदपुर में और उसके आस-पास गैस आधारित उद्योग स्थापित करने की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करेगा। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और झारखंड के राजस्व की वृद्धि में योगदान देगा। यह पारंपरिक ईंधनों की तुलना में किफायती भी है। सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम से पांच से 10 प्रतिशत तक सस्ता है।