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India Lockdown : घर पहुंचने की बेचैनी में ओडिशा से निकल पड़े पैदल, चार दिन में मोकामा की जगह पहुंच गए जमशेदपुर Jamshedpur News

लाकडाउन के बीच इन मजदूरों को घर पहुंचने की इतनी बेताबी थी कि पैदल ही निकल पड़े मोकामा के लिए। चार दिन 80 किमी सफर तय कर जमशेदपुर पहुंच गए।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 07:48 AM (IST)
India Lockdown : घर पहुंचने की बेचैनी में ओडिशा से निकल पड़े पैदल, चार दिन में मोकामा की जगह पहुंच गए जमशेदपुर Jamshedpur News
India Lockdown : घर पहुंचने की बेचैनी में ओडिशा से निकल पड़े पैदल, चार दिन में मोकामा की जगह पहुंच गए जमशेदपुर Jamshedpur News

जमशेदपुर (निर्मल प्रसाद)। कोरोना वायरस के कारण हुए लाकडाउन के बीच अनिल महतो और विजय साव सहित अन्‍य करीब एक दर्जन मजदूरों को अपने घर पहुंचने की इतनी बेताबी थी कि इन्हें जाना था पटना के मोकामा। लेकिन चार दिन में पैदल ही 80 किलोमीटर का सफर तय कर उल्टा रास्ता पकड़कर जमशेदपुर पहुंच गए। इनमें से कई मजदूर चेकिंग प्‍वाइंट से बचकर निकल गए जबकि टाटानगर स्‍टेशन पर चेकिंग के दौरान रोके गए कई मजदूरों को जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय के क्‍वारंटाइन सेंटर में क्‍वारंटाइन किया गया है। 

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मोकामा के रहने वाले अनिल व विजय होली के बाद ओडिसा के जसीपुर गए थे, काम की तलाश में। दोनो रोड निर्माण का काम करते हैं। लेकिन लाकडाउन के कारण मात्र तीन दिनों का काम किया। सभी को दो माह का वेतन देने की बात सुनते ही ठेकेदार काम छोड़कर भाग गया। ऐसे में भूखे-प्यासे दोनो मजदूर पैदल ही एक मई की सुबह आठ बजे जसीपुर से निकले। लेकिन घर जाने की इस बेताबी उन पर भारी पड़ गई।

जो मिला, खा लिया, जहां जगह मिली आराम कर लिया और बढ़ चले आगे

वे मोकामा वाला रास्ता पकडऩे के बजाए उल्टा रास्ता पकड़कर जमशेदपुर पहुंच गए। सोमवार दोपहर लगभग एक बजे मरीन ड्राइव में एक्सएलआरआई के पास बने चेक पोस्ट के समीप जब दैनिक जागरण की टीम की नजर हाथ में थैला लिए बस स्टैंड का पता पूछते इन मजदूरों पर पड़ी। तब सारा माजरा समझ में आया। अनिल व विजय बताते हैं कि इनके पास न पैसा है और न मोबाइल फोन। पूरे रास्ते कई चेक पोस्ट मिले, लेकिन कहीं पर भी इनसे कोई पूछताछ नहीं हुई।

मूढ़ी और बिस्कुट खाकर दिन गुजारा। धूप तेज होने पर छांव में रूक जाते थे और फिर चलते। रात होने पर किसी मंदिर के प्रांगण या दुकान के बाहर सो लेते थे। ये थक कर इतने चूर हो गए थे कि जब इन्हें बताया कि वे उल्टे रास्ते आ गए हैं तो हाथ जोड़कर बोले, हमें क्वारंटाइन करा दीजिए। लाकडाउन खुलने पर हम खुद ही घर चले जाएंगे। ऐसे में दैनिक जागरण की टीम ने जिला कंट्रोल रूम को फोन कर स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना दी। विभाग के दो अधिकारी पहुंचकर इनसे पूछताछ कर इन्हें साकची सरकारी बस स्टैंड में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखवाया। 

करीब एक दर्जन मजदूरों को प्रखंड कार्यालय में किया गया क्‍वारंटाइन

ओडिशा से जसीपुर से पैदल ही मोकामा के लिए निकल पड़े मजदूरों को टाटानगर स्‍टेशन के समीप से लौटा दिया गया। उन्‍हें जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय के क्‍वारंटाइन सेंटर में क्‍वारंटाइन कर दिया गया है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि उनके कुछ साथी बचकर आगे निकल गए हैं। 

बिहार के मजदूरों ने उपायुक्त से लगायी गुहार

मधेपुरा, बिहार से काम करने जमशेदपुर आए सात मजदूरों ने उपायुक्त को पत्र लिखकर वापस घर जाने की अनुमति देने के लिए गुहार लगायी है। उपायुक्त को लिए पत्र में मजदूरों ने बताया है कि वे सभी टिनप्लेट गुरुद्वारा में काम करने के लिए मधेपुरा से कुंदन कुमार, सुमन कुमार, गोरेलाल कुमार, जनार्दन मंडल, ध्रुव कुमार, शिवजी मंडल और झारी कुमार जनवरी माह में शहर आए थे। मार्च माह में लॉकडाउन किए जाने के कारण गुरुद्वारा का काम बंद हो गया और वे सभी यहीं फंसे रह गए। 


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