Parsudih Bazar Samiti Dispute : व्यापारिक संगठनों में फूट की बात से नाराज हुए मोहनलाल अग्रवाल, कही ये बात
Split in business organizations Jamshedpur. जमशेदपुर चैंबर आँफ कॉमर्स के मुख्य संरक्षक मोहनलाल अग्रवाल परसुडीह स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति (मंडी) में उत्पन्न विवाद और व्यापारिक संगठनों में फूट की बात से खासे नाराज हैं। उन्होंने खास सलाह दी है।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर चैंबर आँफ कॉमर्स के मुख्य संरक्षक मोहनलाल अग्रवाल परसुडीह स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति (मंडी) में उत्पन्न विवाद और व्यापारिक संगठनों में फूट की बात से खासे नाराज हैं।
मोहनलाल ने कहा कि मंडी में 11 नवंबर 2019 को चुनाव हुआ था, जिसमें दीपक भालोटिया को सर्वसम्मति से पांच वर्ष के लिए अध्यक्ष चुना गया था। कार्यकारणी विस्तार करने की जिम्मेदारी भी अध्यक्ष को दी गई थी। उस समय जमशेदपुर चैंबर आफ कॉमर्स के संरक्षक के रूप मे मैं खुद वहां उपस्थित था। काम करने वाले को पद की आवश्यकता नहीं होती है।
संघर्ष के बाद मिली सफलता
मोहनलाल ने कहा कि जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स नें मंडी के लिए कड़ा संघर्ष किया है। इसमें सबसे पहले आवश्यक वस्तु अधिनियम या 7-ईसी (एसेंसिएल कमोडिटी एक्ट) कानून को ठंडे बस्ते में डालने के लिए संघर्ष किया, ताकि इसकी वजह से व्यापारियों को जेल नहीं जाना पड़े। इसके बाद अनाज पर टैक्स हटाने के लिए जमशेदपुर चैंबर आॅफ कॉमर्स ने कमर कसकर जमशेदपुर से दिल्ली तक लड़ाई लड़ी। हर वर्ष अप्रैल में टैक्स का मुद्दा उछलता था। चैंबर के प्रयास से अनाज पर लगने वाले टैक्स को पूर्ण रूप से हटा दिया गया। इसके बाद चैंबर ने मंडी टैक्स समाप्त करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। इसमें भी चैंबर को कामयाबी मिली।
एकजुटता की अपील
बात यही नहीं रुकी। मंडी टैक्स भंग हो गई, तो मंडी में दुकान-गोदाम का भाड़ा कम कराने के लिए कृषि मंत्री से सीधी बैठक हुई। मंत्री को समझाया गया और फिर मंत्री के आदेश से भाड़ा कम किया गया। इस तरह जमशेदपुर चैंबर आफ कॉमर्स ने हमेशा मंडी के लिए लड़ाई लड़ी है, लेकिन किसी को पद से हटाने, बनाने या किसी कमेटी को भंग करने की बात कभी नहीं कही। इसलिए जो भी व्यापारी संगठन हैं, व्यापारियों की गरिमा बनाए रखें। व्यापारी खुद को कमजोर दिखाने की कोशिश ना करें। सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे सकारात्मक दिशा में एकजुट होकर व्यापारी हित के लिए और मंडी के विकास के लिए काम करें।