Jamshedpur News: बुलेट में हल्की खरोंच आई तो गुस्से से लाल हुआ युवक, रिपेयरिंग के नाम पर किया छीन-झपट
Jamshedpur News पुलिस को शिकायत में संतोष शांडिल ने बताया वह सिदगोड़ा एक अस्पताल की ओर से बाइक से जा रहा था। बुलेट से टक्कर हो गई। बुलेट में हल्का खरोंच आया जिसे बनवाने के लिए बुलेट सवारों ने दबाव बनाया।
जमशेदपुर, जासं। बिष्टुपुर थाना क्षेत्र अलकोर होटल के पीछे सिदगोड़ा थाना क्षेत्र साहिल शांडिल से युवकों ने मारपीट की। उससे 10 हजार रुपये की छिनतई कर ली गई। इसके बाद पांच हजार रुपया आनलाइन पे करा लिया। इसकी शिकायत बिष्टुपुर थाना में दर्ज कराई गई है जिसकी जांच पुलिस कर रही है। घटना देर रात की है। पुलिस को शिकायत में संतोष शांडिल ने बताया वह सिदगोड़ा एक अस्पताल की ओर से बाइक से जा रहा था। बुलेट से टक्कर हो गई। बुलेट में हल्का खरोंच आया, जिसे बनवाने के लिए बुलेट सवारों ने दबाव बनाया। मरम्मत को गोलमुरी हावड़ा ब्रिज गए। वहां दुकान बंद थी। इसके बाद बुलेट सवार जबरन बिष्टुपुर ले गए। वहां मारपीट की। रुपये की छिनतई कर ली गई।
अलग-अलग मामले के दो आरोपित बरी
जमशेदपुर। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत ने जानलेवा हमले मामले के आरोपित मो. तकीर को शुकवार को बरी कर दिया। आरोपित के विरुद्ध कदमा थाना में 2019 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दूसरी ओर अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अभाष वर्मा की अदालत ने आर्म्स एक्ट मामले के आरोपित हैदर हुसैन को बरी कर दिया। आरोपित के विरुद्ध बिष्टुपुर थाना में 2005 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
टावर लगाने पर अहम निर्देश दिए गए
जमशेदपुर। समाहरणालय सभागार में उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें मोबाइल टावर लगाने से संबंधित प्राप्त आवेदनों पर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने मोबाइल टावर कंपनियों को सख्त निर्देश दिए कि बिना पूर्वानुमति के किसी भी मोबाइल टावर का अधिष्ठापन नहीं करेंगे, वरना प्राथमिकी दर्ज करने के साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा। उन्होंने निर्विवाद जगह पर टावर लगाने को कहा। रैयती जमीन पर रैयतदार तथा सरकारी जमीन होने पर संबंधित पोषक क्षेत्र के नगर निकाय या अंचल अधिकारी से अनुमति के बाद ही टावर लगाना है।
सभी टावर कंपनियों से मांगा हिसाब
बैठक में मुसाबनी प्रखंड व मानगो नगर नगम क्षेत्र में बिना पूर्वानुमति के मोबाइल टावर लगाने के दो मामले सामने आए। इस पर उपायुक्त ने संबंधित पोषक क्षेत्र के पदाधिकारी से मोबाइल टावर कंपनी को शोकाज करने तथा निर्धारित समयावधि में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर प्राथमिकी और जुर्माना वसूलने को कहा। उपायुक्त ने मोबाइल टावर कंपनियों को जिले के सभी मोबाइल टावर का लोकेशन के साथ सूची साझा करने का निर्देश दिया है। मोबाइल टॉवर लगाने के लिए 20 मई तक कुल 180 आवेदन मिले हैं, जिसमें 69 को डीटीसी द्वारा एनओसी, 16 डीम्ड अप्रूव्ड, 87 वापस किया गया। आठ आवेदनों पर बैठक में चर्चा की गई, जिनमें कई में भूमि के संबंध में आवश्यक कागजात जमा नहीं होने के कारण प्रस्ताव वापस किया गया।
इन जगहों पर लगाया जा सकता है टावर
उपायुक्त ने बताया कि जिले के कई प्रखंडो में ऐसे 432 शैडो एरिया या नो व्वायस एरिया हैं, जहां मोबाइल टावर लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वैसे क्षेत्रों में मल्टीडायमेंशनल स्कोप हैं, जिसमें सरकार के कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बैंक खाता के माध्यम से डीबीटी किया जाता है। उपायुक्त ने बताया कि किसी मोबाइल टावर लगाने के लिए प्रदूषण, अग्निशमन, वन विभाग, भवन प्रमंडल, स्वास्थ्य विभाग (सिविल सर्जन कार्यालय), अंचल अधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक आदि प्राधिकारों का एनओसी अनिवार्य होता है।