Jamshedpur News: 50 फीसदी अनुदान पर मिल रहे हैं धान, दहलन और तिहलन के बीज, प्री मानसून बारिश का जमकर फायदा उठा रहे हैं किसान
Jamshedpur News मई महीने में फसलों की बुआई की तैयारी करें तो अच्छी उपज कर सकते हैं। यह महीना खरीफ फसल की बुआई की तैयारी का होता है। इसलिए किसानों को अभी से इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
जमशेदपुर, जासं। जिले में मानसून के पूर्व हो रहे लगातार बारिश के बाद खरीफ फसल लगाने की तैयारी में जिले के किसान जुट गए हैं। यही कारण है कि सरकार की फसल विस्तार योजना के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले के किसानों को 50 प्रतिशत के अनुदान पर धान, दलहन व तेलहन का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों को धान, मक्का, मूंगफली, अरहर, उड़द, मूंग आदि का वितरण किया जाएगा। सही समय पर वितरण करने से किसान सही समय पर बुआई और अच्छे उत्पाद प्राप्त कर सकेंगे। क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र दारीसाई की वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक आरती वीणा एक्का कहती हैं कि मई महीने में फसलों की बुआई की तैयारी करें तो अच्छी उपज कर सकते हैं। यह महीना खरीफ फसल की बुआई की तैयारी का होता है। इसलिए किसानों को अभी से इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। प्रस्तुत है मनोज सिंह की विशेष रिपोर्ट
30 मई तक नर्सरी तैयार करने का सही समय
कृषि वैज्ञानिक डा. आरती वीणा एक्का कहती हैं कि 30 मई तक नर्सरी तैयार करने का समय होता है। नर्सरी तैयार करने के लिए अपने क्षेत्र के हिसाब से बीजों के किस्मों का चयन करें। इसके लिए 10 से 12 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ 10 लीटर पानी जिसमें एक किलोग्राम नमक घुला हो डालकर उपर तैरने वाले बीजों को निकाल दें। इसके बाद नीचे बैठे बीजों को साफ पानी में अच्छी तरह धो लें, फिर ट्राइकोडर्मा से चार ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। नर्सरी के जड़शोघन के लिए स्यूडोमोनास पांच मिली प्रति लीटर की दर से उपचारित करें।
नर्सरी में पत्तों के उपरी हिस्से पीले पड़ जाएं तो यह करें
यदि नर्सरी में पत्तों के उपरी हिस्से पीले पड़ जाएं तो 0.5 प्रतिशत फेरस सल्फेट, 500 ग्राम हरा थोथा 100 लीटर पानी में का दो-तीन स्प्रे सप्ताह के अंदर पर करें। यदि पत्ते पीले होकर कत्थई रंग जैसे हो जाए तो 0.7 प्रतिशत जिंक सल्फेट 700 ग्राम जींक सल्फेट 100 लीटर पानी में मिलाकर एक स्प्रे करें। मई माह में धूप बहुत तेज होती है और हल्की-हल्की सिंचाई कर मिट्टी को नम रखें। पानी भरा नहीं रहना चाहिए। नहीं तो पौधा नष्ट हो जाएगा।
मई में बोया मक्का अगस्त में हो जाएगा तैयार
मई में बोया मक्का अगस्त में तैयार हो जाता है। मक्के के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी चाहिए। बुआई के समय 10 टन कंपोस्ट, आधा बोरा यूरिया, तीन बोरे सिंगल सुपरफास्ट, आधा बाेरा म्यूरेट आफ पोटास, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट अन्य फसलों की तरह बीज के नीचे साइड लाइन में डालें।
सब्जी लगाने वाले किसानों के लिए सलाह
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र दारीसाई की वैज्ञानिक डा. आरती वीणा एक्का कहती हैं कि पटमदा, बोड़ाम, बहरागोड़ा, पोटका, मुसाबनी, जमशेदपुर में बड़े पैमाने पर किसान सब्जी की खेती करते हैं। ऐसे में भिंडी, तोरई, कद्दू, खीरा, लौकी, करेला, नेनुआ अादि लगाने वालों किसान को फल मक्खी कीट पर नियंत्रण करना आवश्यक है। यह कीट फलों में दाग और सड़न कर फलों को बर्बाद कर देते हैं। इस पर नियंत्रण के लिए फ्रूट फ्लाई ट्रैप 10 से 15 प्रति एकड़ लगाएं। यदि फ्रूट फ्लाई ट्रैप नहीं मिल रहे हों तो एक केले के छिलके में मैलाथियान या डाईक्लोरवास की कुछ बूंदें डालकर खेत में 20 से 25 स्थानो पर डाल दें। खेत में सुबह शाम धुआं करें और उसमें कपूर व लाल मिर्च डाल दें।
पूर्वी सिंहभूम जिले में 50 अनुदान पर दिए जाने वाले बीज
बीज प्रभेध रुपये क्विंटल बाजार में धान एमटीयू-7029 - 3550 रुपये क्विंटल धान आईआर -64 - 3870 रुपये क्विंटल मक्का बीओआई-9544- 22600 रुपये क्विंटल मूंगफली धरनी - 13000 रुपये क्विंटल अरहर - 14000 रुपये क्विंटल उड़द - 12800 रुपये क्विंटल मूंग - 11550 रुपये क्विंटल