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Jamshedpur: BJP नेता राजेश शुक्ल को कोल्हान विश्वविद्यालय ने बनाया पांच कॉलेज का यूआर, चौतरफा हो रही किरकिरी

कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगाधर पंडा की अध्यक्षता में लिए गए एक फैसले से विश्वविद्यालय की चौतरफा किरकिरी हो रही है।दरअसल कुलपति की ओर से संस्थापक सिंडिकेट सदस्य और भाजपा नेता राजेश शुक्ल का भी मनोनयन किया गया है। उन्हें जमशेदपुर के पांच-पांच कॉलेज का यूआर बनाया गया है।

By Ch RaoEdited By: Mohit TripathiPublished: Sun, 19 Mar 2023 11:12 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 11:12 PM (IST)
Jamshedpur: BJP नेता राजेश शुक्ल को कोल्हान विश्वविद्यालय ने बनाया पांच कॉलेज का यूआर, चौतरफा हो रही किरकिरी
फैसले से कॉलेज के शिक्षक भी हतप्रभ, कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगाधर पंडा की अध्यक्षता में लिए गए एक फैसले से विश्वविद्यालय की चौतरफा किरकिरी हो रही है। यह मामला जुड़ा है संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि (यूआर) के मनोनयन का।

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भाजपा नेता को बना दिया गया पांच कॉलेज का यूआर

दरअसल, कुलपति की ओर से संस्थापक सिंडिकेट सदस्य और भाजपा नेता राजेश शुक्ल का भी मनोनयन किया गया है। उन्हें जमशेदपुर के पांच-पांच कॉलेज का यूआर बनाया गया है।

शुक्ल को करीम सिटी कॉलेज, मिसेज केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज, श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर व कॉलेज ऑफ नर्सिंग टीएमएच का यूआर बनाया गया है।

34 सदस्यों को विभिन्न कॉलेज का बनाया गया यूआर

विश्वविद्यालय की ओर से कुल 34 सदस्यों को विभिन्न कॉलेजों का यूआर बनाया गया है लेकिन राजेश शुक्ल एकमात्र ऐसे सदस्य हैं, जो गैर शैक्षणिक व्यक्ति है। अन्य सभी यूआर विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। किसी को एक कॉलेज तो किसी को दो कॉलेज का प्रतिनिधि बनाया गया है।

इधर, शैक्षणिक पद पर न रहने के बावजूद सिंडिकेट सदस्य के रूप में राजेश शुक्ल को विश्वविद्यालय प्रतिनिधि बनाए जाने से शिक्षा जगत में चर्चाओं का दौर जारी है। हालांकि, कोई कुछ इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है।

क्या कहता है नियम

जानकार बताते हैं कि विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, कॉलेज के प्राध्यापक, प्रिंसिपल के अलावा सिंडिकेट या सीनेट सदस्य का भी मनोनयन किया जा सकता है। इसके मनोनयन का संपूर्ण अधिकार कुलपति के पास ही होता है। कुलपति के आदेश के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रतिनिधियों की सूची को अधिसूचित करते हैं।

क्या है यूआर का काम

यूआर का मुख्य कार्य संबद्धता प्राप्त कॉलेजों के सारे कार्य विश्वविद्यालय के नियमों के अनुकूल हो रहे हैं या नहीं इसे देखना है। प्रबंधन समिति की कोई भी बैठक यूआर की अनुपस्थिति में वैध नहीं मानी जाएगी। कॉलेज को कोई भी नया कोर्स प्रारंभ करना हो या किसी भी तरह के आधारभूत संरचना का कार्य करना हो, तो उसमें यूआर का हस्ताक्षर है तभी विश्वविद्यालय उसे वैध मानेगा।

क्या बोले कुलपति

कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति गंगाधर पंडा ने इस मामले पर कहा कि यह सिंडिकेट से जुड़ा मामला है। सिंडिकेट ने ही राजेश शुक्ल को पांच कॉलेजों का प्रभारी बनाए जाने की हामी भरी है। इस आधार पर उन्हें यूआर बनाया गया है।


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