Jamshedpur News : असली आंख निकाल गंगाधर को लगाई गई नकली, सीएस ने कहा-सील होगा अस्पताल
Jamshedpur News नेत्र विशेषज्ञ ने जांच के उपरांत बताया कि बुजुर्ग की आंख नहीं है। उसके स्थान पर आर्टिफिशियल आई बाल (जो कांच की गोली जैसा दिख रहा) लगाया गया है जिसके कारण उसे दिखाई नहीं दे रहा था।
घाटशिला : चार दिन के बाद घाटशिला के किताडीह निवासी बुजुर्ग गंगाधर सिंह के आंख की जांच करने सिविल सर्जन डा. साहिर पाल के नेतृत्व में एक टीम पहुंची। उपायुक्त के निर्देश पर सोमवार को सिविल सर्जन ने घाटशिला अनुमंडल अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की। पीड़ित गंगाधर दर्द से इतना परेशान है कि वह सुबह-सुबह ही अनुमंडल अस्पताल में लगे दिव्यांगता शिविर में पहुंच गया।
बुजुर्ग की आंख निकाल ली, अब दर दर भटक रहा
इस दौरान उनकी आंख की जांच सदर अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. किरण सग्गा एक्का ने की। इस दौरान अनुमंडल अस्पताल के मेडिकल आफिसर डा. शंकर टुडू भी मौजूद रहे। नेत्र विशेषज्ञ ने जांच के उपरांत बताया कि बुजुर्ग की आंख नहीं है। उसके स्थान पर आर्टिफिशियल आई बाल (जो कांच की गोली जैसा दिख रहा) लगाया गया है, जिसके कारण उसे दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने कहा कि यह क्यों लगाया गया, यह जांच का विषय है।
वहीं, सिविल सर्जन डा. साहिर पाल ने कहा कि मामला गंभीर है। नेत्र विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी। फिलहाल संबंधित हास्पिटल को सील किया जाएगा। ताकि जांच में कोई परेशानी उत्पन्न नहीं हो। सिविल सर्जन से पीड़ित गंगाधर से भी पूछताछ किया। इस दौरान गंगाधर ने अपनी असली आंख की मांग करते दिखे। उन्होंने कहा कि मुझे मेरा असली आंख लौटा दीजिए। सिविल सर्जन ने कहा कि इस मामले की जांच हो रही है। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।
अनुमंडल अस्पताल से बुजुर्ग को दी गई दवा
पीड़ित की परेशानी को देखते हुए सोमवार को अनुमंडल अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. किरण सग्गा एक्का की सलाह पर गंगाधर सिंह को दवा दी गई। इस दौरान गंगाधर के साथ उनकी पोती उर्मिला सिंह, माझी पारगना माहाल के देश विचार सचिव बहादूर सोरेन सहित अन्य लोग मौजूद रहें। मालूम हो कि इस घटना को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
जमशेदपुर के केसीसी हास्पिटल में हुआ था आपरेशन
गंगाधर का आपरेशन जमशेदपुर के साकची स्थित केसीसी आई हास्पिटल में आपरेशन हुआ था। संचालक जितेंद्र शर्मा ने कहा कि मेरे यहां मोतियाबिंद का आपरेशन किया गया था न कि आंख निकाला गया है। मेरे यहां कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। मरीज कोलकाता भी इलाज कराने गया था।