Jamshedpur News : 1200 सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के जून के वेतन पर रोक, जानें इसका कारण
Jamshedpur News जिला शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई वित्तीय वर्ष 2021-22 मार्च माह में किए गए आवंटनों के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने पर की है। सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को इस संबंध में सख्त निर्देश दिया गया है ।
जासं, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला 1200 से अधिक सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को जून माह के वेतन पर रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई वित्तीय वर्ष 2021-22 मार्च माह में किए गए आवंटनों के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने को लेकर किया गया।
दरअसल यह प्रमाण पत्र मई के प्रथम सप्ताह में ही जमा करना था, लेकिन अब तक यह जमा नहीं हो पाया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1400 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों को दो करोड़ 79 लाख का आवंटन स्कूल प्रबंधन के खाते में पोषाक, सामग्रियों की खरीद, स्कूल विकास मद, खेल मद एवं अन्य मद में आवंटित की गई थी। जिला शिक्षा कार्यालय के दवाब में बैंक में इन सामग्रियों का वाउचर जमा कर राशि की निकासी कर ली गई, लेकिन एजेंसी द्वारा सामग्रियों को अब तक स्कूल में नहीं पहुंचाया गया। इस कारण उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं हो पा रहा है।
अब तक मात्र 200 स्कूलों ने यह प्रमाण पत्र जमा किया है। दैनिक जागरण ने इससे संबंधित खबर पांच मई को प्रकाशित की गई थी। अब इस मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी एसडी तिग्गा ने सभी प्रधानाध्यापकों का जून माह का वेतन निर्गत नहीं करने का आदेश प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को दिया है। सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को इस संबंध में सख्त निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह के अंदर स्कूल खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करें, अन्यथा इसके बाद विभाग कार्रवाई को बाध्य होगा।
सरकारी स्कूल खुलेंगे छह को, वार्षिक मूल्यांकन भी छह से, शिक्षक परेशान
जमशेदपुर : झारखंड के सरकारी स्कूल छह जून सोमवार से खुलेंगे और इसी दिन से कक्षा एक से कक्षा सांतवी तक का वार्षिक मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ होगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस आदेश से सिर्फ स्कूल ही नहीं जिला का शिक्षा विभाग भी परेशान है। स्कूल के शिक्षक इस बात से परेशान है कि गर्मी छुट्टी के बाद खुल रहे पहले दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम रहती है। बच्चों को कम से कम एक सप्ताह तक स्कूलों में पढ़ाई होनी चाहिए थी। इसके बाद परीक्षा होती तो बच्चे भी अच्छी तरह से परीक्षा दे पाते। विभाग का यह आदेश परेशान करने वाला है। कई स्कूलों के शिक्षकों ने अपनी परेशानी से जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय के पदाधिकारी को अवगत करा दिया है।