जीएसटी के खिलाफ व खनिज रॉयल्टी के भुगतान की मांग को ले किया प्रदर्शन
प्रदर्शकारियों ने उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम 12 सूत्री ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : उपायुक्त कार्यालय के सामने शनिवार को शहर की विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के प्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिकों ने प्रदर्शन किया। देश में जनतंत्र एवं संघीय ढांचे पर लगातार हो रहे हमले ंव राज्य का बकाया गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एवं खनिज रॉयल्टी के अविलंब भुगतान के पक्ष में किए गए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शकारियों ने उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम 12 सूत्री ज्ञापन सौंपा। इसमें जीएसटी एवं खनिज रॉयल्टी का राज्यों के हिस्से की रकम का केंद्र सरकार से अविलंब भुगतान कराने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया कि जीएसटी संघीय संरचना पर हमला है, इसलिए इस कर संग्रह पद्धति को निरस्त किया जाए। क्योंकि यह ठीक नहीं है।
ज्ञापन में राज्यसभा द्वारा ध्वनि मत से पारित किया गया किसान संबंधी विधेयकों तथा विपक्ष की अनुपस्थिति एवं बिना बहस के पारित श्रम कानून संशोधनों पर राष्ट्रपति से हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया है। प्रदर्शनकरियों ने कहा कि केंद्र सरकार सभी जनतांत्रिक संस्थाओं, परंपराओं, मान्यताओं और अधिकारों को कुचलने पर उद्धत है। भीमा-कोरेगांव तथा दिल्ली दंगे के नाम पर सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवि, पत्रकार, अधिवक्ता आदि को फर्जी मुकदमों में जेल भेज रही है। मौके पर निशांत अखिलेश, अरविद अंजुम, मदन मोहन, मंथन, कपूर बागी, सुजय राय, विश्वजीत देव, जगत, काशीनाथ प्रजापति, रवींद्र प्रसाद, प्रो. सुभाष चंद्र गुप्ता, बिन्नी, एएस फातिमी, इब्राहिम नवाब, कमलेश साहू, बलराम प्रसाद, ओमप्रकाश, एससी हलधर, विजेंद्र शर्मा, घनश्याम प्रसाद, अमरेंद्र, श्याम किशोर, मुरारी प्रसाद, अंकित, ऋषभ, विकास, एसके अस्थाना, डेमका सोय, सुखचंद्र झा, प्रो. अख्तर हसनैन आदि शामिल हुए।