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बिष्टुपुर टुसू मेला में दिखेगी झारखंड की पारंपरिक संस्कृति की झलक

बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आगामी मंगलवार को झारखंड की सांस्कृतिक झलक दिखेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 08:22 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 07:29 AM (IST)
बिष्टुपुर टुसू मेला में दिखेगी झारखंड की पारंपरिक संस्कृति की झलक
बिष्टुपुर टुसू मेला में दिखेगी झारखंड की पारंपरिक संस्कृति की झलक

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आगामी मंगलवार को झारखंड की पारंपरिक सांस्कृतिक झलक दिखेगी। मौका होगा विशाल टुसू मेला का। झारखंडवासी एकता मंच की ओर से इस वर्ष भी 21 जनवरी को विशाल टुसू मेला का आयोजन किया गया है। मेला में झारखंड सहित पश्चिम बंगाल और ओडिशा के विभिन्न जिलों के टुसू प्रेमी भाग लेंगे, जिसमें टुसू और चौड़ल के विजेताओं को आकर्षक नगद इनाम भी दिए जाएंगे। यह जानकारी शुक्रवार को सोनारी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सासद सह मंच के संयोजक विद्युत वरण महतो ने दी।

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तीन दिनों की छुट्टी घोषित करे सरकार : सांसद

सांसद विद्युत वरण महतो ने बताया कि मेला में जहा आकर्षक टुसू प्रतिमा और चौड़ल आयोजन की शोभा बढ़ाएगी, वहीं रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम आगंतुकों का उत्साह बढ़ाएगा। सांसद ने कहा कि टुसू पर्व हमारी पारंपरिक धरोहर है, जिसे अगली पीढ़ी को देने के लिए बचाकर रखना जरूरी है। उन्होंने मंच की ओर से उन्होंने टुसू और मकर संक्रांति के अवसर पर सरकार से कम से कम तीन दिन की सरकारी अवकाश घोषित करने की माग की। इसके साथ सरकार से विलुप्त होती सामाजिक विरासत को बचाए रखने के लिए सार्थक सहयोग की माग की। संवाददाता सम्मेलन में बबलू महतो, कमल महतो, विशाल महतो, अशोक सिंह, बाबू नाग, विजय महतो, नकुल महतो, मनोज महतो, सत्यनारायण महतो, सचिन महतो, करमू हासदा समेत कई लोग मौजूद थे।

नहीं मिलता टाटा और जिला प्रशासन का सहयोग : आस्तिक

झारखंडवासी एकता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने कहा कि टुसू मेला में कई हजार लोग जुटते हैं, इसके बावजूद न तो टाटा स्टील और न ही पुलिस प्रशासन किसी तरह का सहयोग करता है। कंपनी प्रबंधन सीएसआर के तहत सामाजिक कार्य करने का दावा तो करता है, लेकिन इतने बड़े आयोजन में मैदान और बिजली बिल का एक-एक पाई वसूलती है, जबकि मेला का आयोजन पूरी तरह से समाज के लिए होता है। उसी तरह पुलिस लिखित आवेदन देने के बावजूद न तो बड़े वाहनों का परिचालन रोकती है और न ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखती है। आस्तिक ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि मेला में भीड़ को देखते हुए दिन एक से शाम आठ बजे तक बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए पुलिस बल की तैनाती करे। इसके लिए लिखित आवेदन दिया गया है। उन्होंने सोनारी दोमुहानी के पवित्र स्थान को भी टाटा प्रबंधन द्वारा घेराबंदी कर परंपरा पर चोट करने का आरोप लगाया।

बंटेगा पांच लाख से अधिक का नकद पुरस्कार :

आयोजकों ने घोषणा की कि यहा आनेवाले सभी टुसू और चौड़ल को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही अच्छे नृत्य के लिए भी पुरस्कार दिया जाएगा। टुसू मेला में टुसू, चौड़ल, बूढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता आदि के एवज में पंाच लाख रुपये से अधिक नगद पुरस्कार बाटे जाएंगे।

टुसू के लिए : पहला पुरस्कार 31 हजार, दूसरा 25 हजार, तीसरा 20 हजार, चौथा 15 हजार, पांचवां 11 हजार, छठा सात हजार तथा सातवां पुरस्कार पांच हजार रुपये दिए जाएंगे।

चौड़ल के लिए : पहला पुरस्कार 25 हजार, दूसरा 20 हजार, तीसरा 15 हजार, चौथा 11 हजार और पांचवां पुरस्कार नौ हजार रुपये दिए जाएंगे।

बूढ़ी गाड़ी नाच : पहला पुरस्कार 15 हजार, दूसरा 11 हजार, तीसरा नौ हजार, चौथा सात हजार और पांचवां पुरस्कार पांच हजार रुपये दिए जाएंगे।


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