Positive India : रोजाना 100 मास्क तैयार कर बांटने निकल पड़ती है यह शिक्षिका Jamshedpur News
प्रतिदिन यह शिक्षिका सिलाई मशीन पर करीब दो घंटे में 100 मास्क तैयार करती है। फिर निकल पड़ती है गरीबों में बांटने। उन्हें इसे पहने रखने के लिए प्रेरित भी करती है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जीना तो है उसी का जिसने ये राज जाना, है काम जिंदगी का औरों के काम आना...। कुछ इसी तरह का भाव नजर आता है उन तमाम लोगों में जो बिना किसी स्वार्थ के संकट की घड़ी में औरों के कुछ भी काम आ रहे हैं।
कोरोना वायरस को लेकर चहुंओर तमाम आशंकाओं के बीच तमाम लोग अपने-अपने तरीके से जरूरतमंदों की सेवा में जुट जा रहे हैं। जिसको जो बन पा रहा है वह उस हिसाब से अपना योगदान दे रहा है। यह भारतीय संस्कृति और संस्कारों का प्रभाव है जिसके अनुरूप निस्वार्थ सेवा कर अपनी संतुष्टि तलाशी जा रही है।
ऐसे ही तमाम लोगों में शामिल है जमशेदपुर के रानीडीह स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की शिक्षिका मंजू कुमारी। स्कूल बंद चल रहे हैं। घर में समय मिल जा रहा है। इस समय का इससे अच्छा सदुपयोग और क्या हो सकता है। प्रतिदिन यह शिक्षिका सिलाई मशीन पर करीब दो घंटे का समय बिताती है। अपने हाथों से दो घंटे में 100 मास्क तैयार करती है। फिर निकल पड़ती है उस मास्क को उन जरूरमंदों में बांटने जो शायद खुद इसे नहीं खरीद पा रहे हैं।
रोज के चार घंटे का काम, जरूरमंदों की सेवा के नाम
गरीबों को कोरोना से बचाव के लिए अपने घर में मंजू कुमारी रोजाना लगभग 100 मास्क तैयार करती है। जब लगभग 100 मास्क तैयार हो जाते हैं तो इसे लेकर निकल पड़ती है टाटानगर स्टेशन व आसपास के इलाकों में। स्टेशन, डीबी रोड, बाजार एवं हरहरगुट्टू क्षेत्र के गरीबों के बीच इन मास्कों का वितरण करती है। इसके लिए वे रोजाना चार घंटे का समय निकालती है।
घर में इन्हें तैयार में दो घंटे लगते हैं तथा बांटने का काम भी लगभग दो घंटे में हो जाता है। रोजाना बनाये गए सारे मास्क को गरीबों को निशुल्क बांटती है तथा उन्हें मास्क पहने के लिए प्रेरित कर रही है। इस दौरान उन्हें स्वच्छ रहने एवं कोरोना से बचाव के तरीकों को भी समझाती है।