ग्रामीणों ने चेताया, संशोधित वन कानून लागू करें नहीं तो एनएच पर चक्का जाम
1964 के सर्वे सेटलमेंट के खतियानधारी का जमीन में वन विभाग द्वारा सीमेंट का पीलर गाड़ा जा रहा है। कोल्हान के वन मुख्य संरक्षक से माग की गई है कि 15 दिनों के अंदर केंद्र सरकार द्वारा 2006 में वन कानून में जो संशोधन किया है उसे सार्वजनिक करें अन्यथा 1964 के खतियान धारी ग्रामीण आदिवासी व मूलनिवासी राष्ट्रीय उच्च पथ जाम करेंगे ।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वन विभाग द्वारा शहर के सटे विभिन्न ग्रामीण इलाकों में की जा रही हदबंदी करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को देवघर पंचायत में आयोजित बैठक में ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि अगर संशोधित वन कानून लागू करें नहीं तो एनएच पर चक्का जाम किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता देवघर पंचायत के ग्राम प्रधान सिमल मुर्मू ने की। बैठक में 1964 सर्वे सेटलमेंट के खतियानधारी आदिवासी व मूलवासी उपस्थित थे। बैठक में झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो ने कहा कि वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण आदिवासी व मूलनिवासी को वन संपदा पर सम्पूर्ण अधिकार देना चाहिए। भूमिहीन एवं ग्रामीणों को पट्टा देना चाहिए, एक तरफ भारत सरकार जनजाति कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासी, (वन अधिकारों की मान्यता) 2006 का नियम 8(ज) के अनुसार पट्टा देकर आवंटित किया जा रहा है। दूसरी तरफ 1964 के सर्वे सेटलमेंट के खतियानधारी का जमीन में वन विभाग द्वारा सीमेंट का पीलर गाड़ा जा रहा है। कोल्हान के वन मुख्य संरक्षक से माग की गई है कि 15 दिनों के अंदर केंद्र सरकार द्वारा 2006 में वन कानून में जो संशोधन किया है उसे सार्वजनिक करें, अन्यथा 1964 के खतियान धारी ग्रामीण आदिवासी व मूलनिवासी राष्ट्रीय उच्च पथ जाम करेंगे । बैठक अन्त में आठ पंचायतों में मुख्य रूप से हरमोहन महतो, गोपाल माझी ग्राम प्रधान खारी, सीमोल मुर्मू ग्राम प्रधान देवघर, राजाराम माडी ग्राम प्रधान पलासबनी, राम लाल हेम्ब्रम, अश्रि्वनी गौढ़, उत्तम प्रधान, प्रहलाद गौढ़, धुमाल टूडू, विष्णु मुर्मू, दिगंबर सिंह सरदार, जगदीश सिंह सरदार एवं कमाख्या गौढ़ उपस्थित थे। बैठक कर संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में मुख्य रूप से हरमोहन महतो, ग्राम प्रधान गोपाल माझी, सीमोल मुर्मू, राजाराम मार्डी, राम लाल हेम्ब्रम , अश्विनी गौढ़ , उत्तम प्रधान , प्रहलाद गौढ़ , धुमाल टुडू, विष्णु मुर्मू , दिगम्बर सिंह सरदार , जगदीश सिंह सरदार आदि मौजूद थे।