Jamshedpur News : जमशेदपुर में टीबी मरीज खोजने वाले ग्रामीण चिकित्सक को मिलेंगे पैसे, जानिए यह निर्णय क्यों लिया गया
Jamshedpur News साकची में आयोजित कार्यशाला में जुटे ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण दी गई। वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स व जिला यक्ष्मा विभाग के सौजन्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डा. जुझार मांझी थे।
जमशेदपुर,जासं : टीबी रोग को जड़ से खत्म करने की कवायद तेज कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। बुधवार को साकची स्थित एक होटल में वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स व जिला यक्ष्मा विभाग के सौजन्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पूर्वी सिंहभूम जिले के लगभग 50 रूरल मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) और जिला टीबी कार्यक्रम के सभी कर्मचारी शामिल हुए।
टीबी रोग की पहचान नहीं होने से कई मरीजों की मौत हो जाती है
इस कार्यशाला के दौरान जिले को टीबी रोग से मुक्त करने के लिए सभी को प्रशिक्षण दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी रोगियों की पहचान समय पर नहीं हो पाती है। इस दौरान कई मरीजों की मौत हो जाती है या फिर कई मरीज गंभीर स्थिति में सामने आते हैं। इसे देखते हुए आरएमपी या फिर जिन्हें ग्रामीण चिकित्सक भी कहते हैं उनकी मदद भी ली जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के सबसे अधिक मरीज
ग्रामीण क्षेत्रों में आरएमपी के पास टीबी के सबसे अधिक मरीज आते हैं। ऐसे में उनसे आग्रह किया गया कि जो भी टीबी के लक्षण लेकर मरीज आएं उनकी जांच अवश्य कराएं। इससे मरीजों की जान तो बचेगी ही, इसके एवज में ग्रामीण चिकित्सकों को 500 रुपये प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी।
पीएम का सपना है 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त बनाना है : सिविल सर्जन डा. जुझार मांझी
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिविल सर्जन डा. जुझार मांझी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. साहिर पाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डा. अनुपमा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. सुनीता सामंत व वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स के राज्य प्रतिनिधि राजीव सिंह उपस्थित थे। सिविल सर्जन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त करना है। इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। चूंकि अब समय काफी कम है, इसलिए तेज गति से कार्य करने होंगे।