जमशेदपुर के जेम्को गुरुद्वारा में नया घमासान, जगदीश बने नए प्रधान, सीजीपीसी ने कहा - नहीं देंगे मान्यता
जेम्को स्थित आजाद बस्ती गुरुद्वारा नए विवादों में फंस गई है। गुरुद्वारा में संगत की उपस्थिति में चेयरमैन निरंजन सिंह नागो ने सरदार जगदीश सिंह जग्गा को सरोपा देकर नया प्रधान बना दिया। जबकि सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने इसे अवैध करार दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जेम्को स्थित आजाद बस्ती गुरुद्वारा नए विवादों में फंस गई है। गुरुद्वारा में संगत की उपस्थिति में चेयरमैन निरंजन सिंह नागो ने सरदार जगदीश सिंह जग्गा को सरोपा देकर नया प्रधान बना दिया। जबकि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने इसे अवैध करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर 30 जुलाई से सभी गुरुद्वारा के चुनाव पर रोक है। यदि कोई गुरुद्वारा जबदस्ती चुनाव करा भी लेता है तो नई कार्यकारिणी को मान्यता नहीं दी जा सकती।
हालांकि जेम्को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि नए प्रधान के चुनाव के लिए 28 जुलाई को ही नोटिस बोर्ड पर अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन चार अगस्त तक जगदीश सिंह जग्गा को छोड़कर किसी ने नामांकन नहीं किया। ऐसे में स्त्री सत्संग सभा और सिख नौजनवान सभा की उपस्थिति में चेयरमैन निरंजन सिंह ने जगदीश सिंह जग्गा को प्रधान पद मनोनित कर दिया है। जिसके कारण नया विवाद शुरू हो गया है।
चुनाव तक पुरानी कार्यकारिणी करती रहेगी अपना काम
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार गुरमुख सिंह मुखे का कहना है कि जेम्को गुरुद्वारा की कार्यकारिणी भंग नहीं हुई है। जब तक चुनाव नहीं हो जाता और नई कार्यकारिणी चुनी नहीं जाती है, तब तक पुरानी कार्यकारिणी ही दैनिक काम करती रहेगी। हालांकि जगदीश सिंह जग्गा जो नए प्रधान मनोनीत किए गए हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि 14 अप्रैल बैशाखी के दिन ही यूनियन की पुरानी कार्यकारिणी भंग हो गई है इसलिए संगत की सर्वसम्मति से चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। जबकि मुखे का कहना है कि गुरुद्वारा में चुनाव कराने के लिए निरंजन सिंह के नेतृत्व में आठ सदस्यीय चुनाव कमेटी का गठन किया गया था लेकिन चुनाव नहीं हो पाया। नियमत: किसी भी गुरुद्वारा में चुनाव होने पर सेंट्रल गुरुद्वारा से भी पर्यवेक्षक प्रतिनियुक्त किए जाते हैं लेकिन यह प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी ने कोविड 19 महामारी को देखते हुए सभी तरह के चुनाव पर रोक लगा दी है, इसके बावजूद यदि कोई चुनाव कराते हैं तो वह गैर कानूनी होगा और उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।