आसिफुल्ला को प्रमोशन, विशाल दास 'बैक टू पेवेलियन'
टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) से पासआउट कैडेट विशाल दास को चोटिल होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) से पासआउट कैडेट विशाल दास को चोटिल होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। जमशेदपुर एफसी टीम प्रबंधन ने उसे वापस रिजर्व्स टीम में भेज दिया है, जबकि ढाई महीने पहले रिजर्व्स टीम में शामिल हुए नागपुर के आसिफुल्ला को सीनियर टीम में शामिल कर लिया।
आसिफुल्ला के टीम से जुड़ने की जानकारी जमशेदपुर एफसी के सीईओ मुकुल विनायक चौधरी ने शनिवार की शाम जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स काप्लेक्स स्थित जेएफसी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। मुकुल चौधरी ने बताया कि विशाल दास की रिजर्व्स में वापसी को किसी डिमोशन के तौर पर देखा जाना गलत है। उन्होंने कहा, हमारे पास फिलहाल सीनियर व जूनियर टीम को मिलाकर कुल 50 खिलाड़ी हैं, ऐसे में खिलाड़ियों का ईधर-उधर होना चलता रहेगा।
24 वर्षीय आसिफुल्ला खान संतोष ट्रॉफी में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के अलावा मुंबई एफसी की अंडर-18 टीम का हिस्सा रह चुके हैं। यहीं से आसिफ को जेएफसी रिजर्व्स (जूनियर) टीम में जगह मिली और इसी साल असम में आयोजित बडौसा कप में आसिफ ने अपने खेल से सभी को खूब प्रभावित किया। उनके खेल से प्रभावित होनेवालों में जमशेदपुर एफसी के मुख्य कोच सीजर फेराडो भी थे, जिसके कारण आसिफ को रिजर्व टीम से सीनियर टीम में जगह मिल गई।
दरअसल जेएफसी के मुख्य कोच सीजर फेराडो के लिए कमोजर डिफेंस बहुत बड़ी मुसीबत बनी हुई है। जेएफसी ने अभी तक खेले सात मैचों में भले ही एक भी मैच नहीं हारा हो, लेकिन इसका श्रेय टीम के डिफेंस को नहीं, बल्कि मिडफिल्डर व फारवर्ड को जाता है, जिन्होंने कई अहम मौके पर गोल दागकर टीम को हारने से बचा लिया है। दूसरे अथरें में यह भी कहा जा सकता है कि कमजोर डिफेंस के कारण ही जेएफसी को कई मैचों में जीत के करीब पहुंचकर ड्रॉ से संतोष करना पड़ा है।
यही कारण है कि कोच सीजर फेराडो मैच दर मैच बदलाव को अहमियत दे रहे हैं, लेकिन डिफेंस को लेकर अभी तक उनकी खोज पूरी नहीं हुई है। इसी तलाश में उन्होंने जेएफसी रिजर्व के डिफेंसिव मिडफिल्डर आसिफुल्ला को टीम में शामिल किया है, जो जमशेदपुर के स्थानीय खिलाड़ी मोब्बशीर रहमान के साथ जोड़ीदार की भूमिका अदा करेंगे। यदि यह जोड़ी चल पड़ी, तो जेएफसी कोच सीजर निश्चित रूप से राहत की सास लेंगे।