Jamshedpur, Jharkhand News: रघुवर दास के शिलापट पर कालिख पोतने के आरोप में सरयू राय के चार समर्थक भेजे गए जेल
Jamshedpur Jharkhand News भाजमो और भाजपा समर्थकों के बीच 2019 विधानसभा चुनाव के बाद से जमशेदपुर के पूर्वी विधानसभा चुनाव में कई जगहों पर विवाद हुआ। बिरसानगर सिदगोड़ा बर्मामाइंस सीतारामडेरा और गोलमुरी थाना दोनों पक्ष के बीच प्राथमिकी दर्ज है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी सिंहभूम जिले के बर्मामाइंस थाना क्षेत्र स्थित रघुवर नगर में नौ फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का शिलापट पर भाजमो कार्यकर्ताओं ने कालिख पोत दिया था। इस मामले में भाजपा की ओर से थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने विधायक सरयू राय के चार समर्थक कमल किशोर अग्रवाल, दुर्गा राव, रंजीत कुमार और गोल्डेन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इसकी जानकारी मिलते ही सरयू राय अपने समर्थकों के साथ बर्मामाइंस थाना पहुंचे। थाना प्रभारी से पुलिस की एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया।
प्रभारी ने विधायक को विभाग के वरीय अधिकारी के आदेश पर कार्रवाई करने की जानकारी दी। विधायक समर्थकों की भीड़ थाना में पहुंचने से थाना परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। पुलिस कंट्रोल रूम से क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) समेत अन्य थानाें की पुलिस को बुला लिया गया। इधर, भाजमो के जिला महामंत्री मनोज सिंह उज्जैन ने कहा कि जब घटना हुई थी, तब दोनों ओर से बर्मामाइंस थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने किसके इशारे पर एकतरफा कार्रवाई की। गौरतलब है कि बर्मामाइंस के रघुवर नगर में नौ फरवरी को विधायक सरयू राय और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समर्थकों के बीच विवाद हुआ था। दोनों पक्ष की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रघुवर दास के शिलापट पर कालिख पोतने का आरोप भाजमो समर्थकों पर लगा था। भाजमो और भाजपा समर्थकों के बीच 2019 विधानसभा चुनाव के बाद से जमशेदपुर के पूर्वी विधानसभा चुनाव में कई जगहों पर विवाद हुआ। एक-दूसरे पर हमला किया गया। बिरसानगर, सिदगोड़ा, बर्मामाइंस, सीतारामडेरा और गोलमुरी थाना दोनों पक्ष के बीच प्राथमिकी दर्ज है। दोनों पार्टी के बीच विवाद में पुलिस अधिकारी निशाना बनते रहे हैं।
खूंखार अपराधी की तरह आधी रात को हुई गिरफ्तारी : सुबोध
भाजमो, जमशेदपुर महानगर के जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि भाजमो के कार्यकर्ता निर्दोष और निश्छल हैं। कार्यकर्ताओं ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया था, जो प्रशासन ने उन्हें आधी रात को खूंखार अपराधी की तरह गिरफ्तारी की। जमशेदपुर में एक नेता ने वर्षों तक सत्ता का दुरुपयोग कर तानाशाही और हिटलरशाही शासन चलाया। इस दौरान अलोकतांत्रिक तरीके से क्षेत्र की विभिन्न गलियों, मोहल्लों और बाजार का अपने नाम पर नामकरण कर लिया। क्षेत्र की जनता इनके आतंक से खामोश थी। सत्ता परिवर्तन के बाद जनता ने अपनी चुप्पी तोड़ी और सरकारी संपत्ति पर दर्ज इनके नाम को मिटा दिया। एक बार फिर प्रशासनिक कार्रवाई से जनता में खासा आक्रोश है। इसका खामियाजा उन षडयंत्रकारियों को भुगतना पड़ेगा।