जमशेदपुर कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं का हंगामा, बैठने की जगह नहीं मिलने से नाराजगी Jamshedpur News
जमशेदपुर कोर्ट परिसर में गुरुवार को अधिवक्ताओं ने हंगामा किया। बैठने की जगह नहीं मिलने से नाराजगी इसकी वजह रही। अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर कोर्ट परिसर में गुरुवार को अधिवक्ताओं ने हंगामा किया। बैठने की जगह नहीं मिलने से नाराजगी इसकी वजह रही। अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है और कहा है कि जबतक बैठने की जगह नहीं मिलेगी, कामकाज से अलग रहेंगे।
दरअसल, कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ऑनलाइन ही कोर्ट के कामकाज की प्रक्रिया निभाई जा रही है। इसके लिए अधिवक्ताओं को दो से चार घंटे आकर कोर्ट में ही रुकना पड़ता है। अधिवक्ताओं को कोर्ट के अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। इस कारण अधिवक्ता कोर्ट परिसर के बाहर खड़े होकर अपना काम निपटाते थे। बार भवन को भी बंद करने का निर्देश जारी किया गया है।
नया बार भवन खुला देखकर शुरू हुआ विरोध
गुरुवार को सुबह जब अधिवक्ता कोर्ट पहुंचे तो पुराना बार भवन में ताला लगा हुआ था जबकि नया बार भवन खुला हुआ था। इसे देखकर अधिवक्ताओं ने विरोध करना शुरू किया और देखते-देखते हंगामा मच गया। हंगामा को देखते हुए नए भवन को भी बंद कर दिया गया और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सभी अधिवक्ताओं को कोर्ट परिसर से बाहर जाने को कहा। हंगामा को देखते हुए मौके पर फोर्स को तैनात कर दिया गया है वही कोर्ट परिसर के बाहर रखे ड्रॉप बॉक्स को भी अधिवक्ताओं ने अंदर कर दिया है। कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक उनके बैठने की व्यवस्था नहीं होगी तब तक वह काम नहीं करेंगे। किसी तरह का बेल पिटिशन व अन्य जरूरी कामों को अधिवक्ताओं द्वारा नहीं निपटाया जाएगा।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कही ये बात
हालांकि, जमशेदपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार अंबष्ठा ने कहा कि नया बार भवन इसलिए खोला गया था कि दोनों बार भवन अगर बंद रहेंगे तो महिला अधिवक्ता व अन्य अधिवक्ता बाथरूम का इस्तेमाल कैसे करेंगे। इसलिए नए बार भवन में बाथरूम का इस्तेमाल करने के लिए ही बार भवन को खोला गया था। हालांकि, उसे बंद कर दिया गया है और सभी अधिवक्ताओं को कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में शाम तक उचित निर्णय लिया जा सकेगा कि अधिवक्ता शुक्रवार से काम करेंगे या हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि बार भवन बंद होने के कारण अधिवक्ताओं को बैठने की जगह नहीं है। धूप में चार से पांच घंटे अधिवक्ता खड़े होकर काम करते हैं । ऐसे में जाहिर सी बात है कि अधिवक्ताओं में आक्रोश तो होगा ही। अधिवक्ताओं को बैठने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वह अपने काम को ठीक तरीके से निपटा सकें।