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डेंगू, चिकनगुनिया का केंद्र बना जमशेदपुर, पांच साल में मिले 987 मरीज Jamshedpur News

जमशेदपुर शहर डेंगू चिकनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) का गढ़ है। इस बार भी डेंगू के डंक से शहर कराह रहा है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 08:56 AM (IST)
डेंगू, चिकनगुनिया का केंद्र बना जमशेदपुर, पांच साल में मिले 987 मरीज Jamshedpur News
डेंगू, चिकनगुनिया का केंद्र बना जमशेदपुर, पांच साल में मिले 987 मरीज Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। झारखंड का जमशेदपुर शहर डेंगू, चिकनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) का गढ़ है। इस बार भी डेंगू के डंक से शहर कराह रहा है। हद यह कि शहर का पॉश इलाका भी डेंगू के डंक से मुफीद नहीं है। इस साल अबतक 287 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 46 मरीजों का नमूना जांच के लिए भेजा गया है।

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उम्मीद है कि उनकी रिपोर्ट शनिवार को आएगी। इससे डेंगू मरीजों की संख्या और भी बढ़ सकती है। बीते पांच साल का आंकड़ा देखा जाए तो अबतक 987 डेंगू मरीज सामने आ चुके है। वर्ष 2017 में सबसे अधिक 435 मरीज मिले थे। उसके बाद दूसरी बार इतनी बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज सामने आए है। वहीं पांच साल में एक दर्जन से अधिक मरीजों की जान डेंगू से हो गई है। 

ये हैं बीमारी फैलने की वजह  

शहर में सबसे अधिक मरीज सोनारी, सर्किट हाउस एरिया, कदमा से मिले हैं। इन इलाकों को सबसे साफ और पॉश माना जाता है। इसका मुख्य कारण है कि टाटा स्टील के खाली पड़े क्वार्टरों में जमे पानी व गंदगी में हजारों की संख्या में पल रहे डेंगू का लार्वा। जांच अभियान में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। टाटा स्टील के खाली क्वार्टर डेंगू के मच्छरों की ऐशगाह बन गए है।

गैर कंपनी इलाके में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मानगो व भुईयांडीह क्षेत्र से मिले है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक डेंगू के लार्वा फ्रीज के पिछले हिस्से में होने वाले डिब्बों में पाया गया है। इसके साथ ही पानी के टंकी, गमला व टायर में भी डेंगू का लार्वा भारी संख्या में मिला है।

तीसरा मुख्य कारण है कि यहां पर लोग देश के कई राज्यों से पहुंचते हैं और विभाग की रिपोर्टिंग भी बेहतर है। बाहर से आने वाले लोग डेंगू के संक्रमण अपने साथ लेकर आते है और उससे दूसरे लोगों में फैलता है। वहीं बेहतर रिपोर्टिंग की वजह से मरीजों की पहचान आसानी से हो जाती है।

किस साल कितने डेंगू के मरीज मिले

वर्ष                  मरीज

2015               06

2016               214

2017               435

2018               65

2019               267

जिले में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। हालांकि, लोगों में जागरुकता बढ़ी है। उन्हें डेंगू के लक्षण समझ में आते ही डॉक्टर के पास पहुंच रहे है और जांच करा रहे है। लोगों को साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डेंगू के मच्छरों से बचने के लिए पानी का जमाव नहीं होने दे।

डॉ. एके लाल, जिला मलेरिया पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।


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