Move to Jagran APP

बाजार में बढ़ी भीड़, कपड़े की दुकानें भी चोरी-छिपे खुलीं

लंबे लॉकडाउन के बाद बाजारों को कुछ छूट मिली तो दुकानें सजने लगीं। ग्राहक भी पहुंचने लगे लेकिन संक्रमण का डर कुछ खास दिख नहीं रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 11:51 PM (IST)
बाजार में बढ़ी भीड़, कपड़े की दुकानें भी चोरी-छिपे खुलीं
बाजार में बढ़ी भीड़, कपड़े की दुकानें भी चोरी-छिपे खुलीं

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लंबे लॉकडाउन के बाद बाजारों को कुछ छूट मिली तो दुकानें सजने लगीं। ग्राहक भी पहुंचने लगे, लेकिन संक्रमण का डर कुछ खास दिख नहीं रहा। दुकानों में दुकानदार मास्क पहने काउंटर पर बैठ रहे। 80 फीसद ग्राहक भी बाजार में मास्क पहने ही दिख रहे, बाकी 20 फीसद को मास्क न पहनने का बहाना बनाते मिल रहे हैं। किसी को मास्क से खुजली हो रही तो कोई असहज महसूस कर रहा। अव्वल यह कि बाजार में कुछ कपड़े के दुकान भी चोरी-छिपे खुल गए हैं। कपड़ा दुकानदार आधा शटर खोलकर ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं।

loksabha election banner

बहरहाल, अच्छी बात आभूषण दुकानों में दिखी, जहां शरीर का तापमान देखकर ग्राहकों की इंट्री दी जा रही थी। आभूषण दुकानों में कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। दुकान के बाहर सैनिटाइजर से पहले ग्राहकों को हाथ धोना पड़ रहा है, उसके बाद शरीर का तापमान मापकर अंदर जाने दिया जा रहा है। कर्मचारी से मालिक तक मास्क पहने नजर आये।

-----------

फुटपाथ में कपड़े लने पहुंचे ग्राहक

साकची फुटपाथ में बच्चों के लिए कपड़े व मास्क लेने वाले ग्राहक सबसे अधिक देखे गए। इस दौरान ग्राहकों ने बताया कि बच्चों के छोटे-छोटे पैंट एवं अन्य कपड़े यही से मिल जा रहे हैं। कपड़ों की आवश्यकता होने पर दुकानदार एक-एक ग्राहक को अंदर घुसाकर कपड़े दे रहे हैं। कपड़ा की दुकानों का शटर आधा खुला हुआ था।

--

अभी बाजार में चहल-पहल बढ़ी है। लेकिन आभूषण दुकानों में ग्राहक अभी आठ के बाद ही नजर आएंगे। अभी हम बैठकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं।

-प्रदीप सोना, आभूषण दुकान संचालक, जुगसलाई।

---------------

-सुबह ग्राहक काफी कम आते हैं। शाम को ग्राहकों की संख्या ज्यादा होती है। हम सभी ग्राहकों से मास्क पहनकर आने का अनुरोध करते हैं। मास्क नहीं पहने वालों में मैं सामान भी नहीं देता।

-राजेश साव, साकची।

-------------

-मैंने ढाई माह बाद घर से निकली हूं। पहसूल खराब हो गया था। सब्जी नहीं कट पा रही थी। इसे ठीक कराया। इसके बाद छोटी-छोटी सामग्री खरीद कर घर जा रही हूं। -लीला देवी, सिदगोड़ा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.