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मीरपुर-मुजफ्फराबाद व गिलगित-ब्लूचिस्तान भारत का हिस्सा

पाकिस्तान और चीन अधिक्रांत मीरपुर-मुज्जफराबाद और गिलगित-ब्लूचिस्तान का पूरा क्षेत्र भारत का है। यदि 70 वर्षो से देश की सरकार इसे वापस पाने की सार्थक पहल की होती तो आज ये दोनों क्षेत्र भारत का हिस्सा होता।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 08:22 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 08:22 AM (IST)
मीरपुर-मुजफ्फराबाद व गिलगित-ब्लूचिस्तान भारत का हिस्सा
मीरपुर-मुजफ्फराबाद व गिलगित-ब्लूचिस्तान भारत का हिस्सा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पाकिस्तान और चीन अधिक्रांत मीरपुर-मुज्जफराबाद और गिलगित-ब्लूचिस्तान का पूरा क्षेत्र भारत का है। यदि 70 वर्षो से देश की सरकार इसे वापस पाने की सार्थक पहल की होती तो आज ये दोनों क्षेत्र भारत का हिस्सा होता।

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जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र द्वारा शुक्रवार शाम मोती लाल नेहरू पब्लिक स्कूल सभागार में विचार व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इसे संबोधित करते हुए भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कर्नल आलोक बंसल ने ये बातें कही। इंडियन फाउंडेशन के निदेशक डॉ. आलोक बसंल ने कई ऐसी अनकही कहानियों को शहरवासियों के बीच रखा, जिससे सभी अनभिज्ञ थे। उन्होंने बताया कि कोई राष्ट्र यदि अपनी पुरानी सीमा को भूल गया तो वे उस क्षेत्र को कभी भी प्राप्त नहीं कर सकता, जिस पर दूसरे राष्ट्र का अभी अधिक्रांत है। उन्होंने बताया कि लद्दाख का 64,817 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र भारत के जबकि 37,555 वर्ग किलोमीटर चीन के कब्जे में है। वहीं, जम्मू कश्मीर के दो लाख 22 हजार 236 वर्ग किलोमीटर में से एक लाख एक हजार 387 वर्ग किलोमीटर भारत के जबकि शेष पाकिस्तान के कब्जे में है। उन्होंने बताया कि पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अविस्मरणीय निर्णय लेते हुए जम्मू कश्मीर व लद्दाख को दो अलग राज्य का दर्जा दिया। वर्तमान में केंद्र सरकार शेष भू-भाग को अपने क्षेत्र में लेने के लिए प्रयत्‍‌नशील है।

सवाल-जवाब सत्र में कुछ शहरवासियों ने माना कि उन्होंने इस विचार व्याख्यान से इतने महत्वपूर्ण जानकारियों से परिचित हुए, जिससे अब तक एक साजिश के तहत हमें न ही बताया गया और न ही पढ़ाया गया। इससे पहले भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर व्याख्यानमाला का शुभारंभ हुआ।

इस मौके पर जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के क्षेत्र संयोजक डॉ. विरेंद्र सिंह, जमशेदपुर शाखा अध्यक्ष अवधेश पाठक, सचिव जय प्रकाश ओझा, स्वागत अध्यक्ष कन्हैया लाल व सभा अध्यक्ष विजय सिंह राणा सहित बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी वर्ग उपस्थित थे। लाइन ऑफ कंट्रोल को लेकर है विवाद

आलोक बसंल ने बताया कि पूर्व में भारत की सीमा अफगान तक थी। मीरपुर-मुज्जफराबाद में आदि शंकराचार्य का शारदा पीठ जबकि गिलगित ब्लूचिस्तान में आज भी कनिष्क काल के सिक्के व भगवान बुद्ध की बहुत बड़ी प्रतिमा है। मस्जिद में भी स्वास्तिक के निशान हैं। लेकिन एक साजिश के तहत पाकिस्तान ने पूरे क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया। इसके लाइन ऑफ कंट्रोल को लेकर ही आज तक विवाद जारी है। जबकि सच्चाई ये है कि शाहजहां ने 1600 ईसवी में ब्लूचिस्तान पर कब्जा किया था और वर्ष 1877 तक गिलगित पर अंग्रेजों का ही अधिकार रहा। फिर महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में अंग्रेजी ने उनसे 60 वर्षों के लिए गिलगित एजेंसी को लीज पर लिया था। लेकिन पाकिस्तान अस्तित्व में आने के बाद वहां की सेना ने गिलकित के वायसराय को मार कर अधिपत्य जमा लिया।

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सामरिक व संपदा के मामले में बेहद महत्वपूर्ण : बकौल आलोक बसंल पाक अधिक्रांत ये दोनों राज्य सामरिक व प्राकृतिक संपदा के मामले में बेहद महत्वपूर्ण हैं। गिलगित ब्लूचिस्तान का क्षेत्र ही पाक को चीन से जोड़ता है। पाक को अधिकांश पेयजल यहां के ग्लेशियर से मिलता है। इसके कारण यहां 32 हाइड्रो पावर प्लांट लगाए गए हैं। दुनिया के 25 में से आठ बड़े पर्वत व तीन ग्लेशियर इस क्षेत्र में है। यहां की नदियों से सोना मिलता है। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के मामले में भी यह बहुत समृद्ध क्षेत्र है।

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स्थानीय निवासियों को करना होगा सहयोग

आलोक बताते हैं कि यदि भारत को वापस इन क्षेत्रों पर कब्जा स्थापित करना है तो मीरपुर व गिलगित क्षेत्र के निवासियों को सहयोग करना होगा। उनकी समस्याओं को समझना होगा। उन्होंने बताया कि गिलगित निवासी ब्लूचिस्तान स्टुडेंट फेडरेशन के माध्यम से लंबे समय से अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्षरत हैं। मुस्लिम बहुत इन क्षेत्रों में हमेशा शिया-सुन्नी दंगे होते हैं। उन्होंने कहा कि पाक का भविष्य अगले 30-40 वर्षो में अंधकारमय है।

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पाठयक्रम में करना होगा शामिल

आलोक बंसल ने सभी शिक्षण संस्थानों और बोर्ड से अपील की है कि वे बच्चों को जम्मू कश्मीर, मीरपुर मुज्जफराबाद, गिलगित व ब्लूचिस्तान के बारे में भावी पीढ़ी को बताएं। इसे पाठयक्रम में शामिल करें। जब हम अपने भू-भाग के बारे में जानेंगे, तभी उसे वापस ले पाएंगे।


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