दुनिया का सबसे छोटा सिक्का 'क्वार्टर फनम'
दिलीप कुमार, जमशेदपुर : सिक्के विनिमय का अधिकार ही नहीं देते, हमें इतिहास से भी वाकिफ क
दिलीप कुमार, जमशेदपुर : सिक्के विनिमय का अधिकार ही नहीं देते, हमें इतिहास से भी वाकिफ कराते हैं। हर सिक्के की अपनी अलग कहानी भी होती है। भला कौन भूल सकता है ढाई दिन के राजा बने निजाम भिश्ती द्वारा चलाया गया चमड़े का सिक्का जो इतिहास में अमर हो गया। ऐसे ही एक सिक्के की रोचक जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं। जो दुनिया के सबसे छोटे सिक्के की श्रेणी में दर्ज है।
गंग राजवंश ने चलाया सबसे छोटा सिक्का : देश के कर्नाटक क्षेत्र से लेकर बाद में कलिंग वर्तमान में ओडिशा तक राज करने वाले पश्चिम गंग राजवंश 0.10 ग्राम के 3.80 मिमी की स्वर्ण मुद्रा भी चलन में लाया था। यह दुनिया के सबसे छोटे सिक्के की श्रेणी में शामिल है। यह दुर्लभ और छोटा सिक्का इन दिनों जमशेदपुर में चल रहे सिक्का प्रदर्शनी में रखा गया है। वैसे प्रदर्शनी में रखे देश दुनिया की सभी दुर्लभ सिक्के अपने आप में इतिहास है और इन सिक्कों के पीछे अलग-अलग रोचक कहानी भी है।
1080 से 1138 तक चला क्वार्टर फनम : सोने के इस सिक्के को क्वाटर फनम कहा जाता है, जिसका प्रचलन पश्चिम गंग राजवंश के राजा नरसिंह ने किया था। यह सिक्का 1080 से 1138 ई. तक चलन में रहा। इस छोटी सी स्वर्ण मुद्रा के दोनों ओर सुंदर कलाकृति की गई थी। सिक्के के आगे आभूषणों से सजा खड़े मुद्रा में हाथी का चित्र उकेरा गया था, जिसपर कन्नड़ भाषा में राजा नरसिंह का नाम लिखा था। वहीं सिक्के के पीछे चक्रनुमा कलाकृति बनाई गई थी। इतने छोटे सिक्के पर कलाकृति बनाना भी अपने आप में अद्भुत है।
कोलकाता के रविशंकर शर्मा के पास सिक्का : क्वार्टर फनम कोलकाता के रविशंकर शर्मा के पास है। वे देश-विदेश के दुर्लभ सिक्कों के संग्रहकर्ता के साथ कोलकाता मुद्रा परिषद के सचिव भी हैं। उनके पास कई दुर्लभ सिक्कों के साथ चीन में 1870 से 1940 तक प्रचलन में रहने वाली बांस की टोकन मुद्रा भी है। रविशंकर का कहना है कि क्वार्टर फनम इतना छोटा है कि इसकी गिनती उस जमाने में किस प्रकार होती होगी यह सोचने वाली बात है।
यदि सिक्के या आकार वाली मुद्राओं की बात करें तो शिलालेखों से लेकर कौड़ियों तक को मुद्राओं के रूप में चलन में लाया है।