अस्पताल आपका है, चलाने में करें सहयोग
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल जनता का है। इस
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल जनता का है। इसे बेहतर रखने में सबकी सहभागिता जरूरी है। जो भी खामियां सामने नजर आए, उसकी शिकायत जरूर करें। जिससे सुधार किया जा सके। उक्त बातें बुधवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी ने लोगों के सवालों का जवाब देते हुए कहा। वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न-प्रहर में लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
डॉ. एसी अखौरी ने समाजिक संस्थाओं से भी अपील करते हुए कहा कि वह भी काउंसलिंग कर सकते हैं, ताकि उनके नजर में जो खामियां सामने आए उसे भी दूर किया जा सके। डॉ. एसी अखौरी से लोगों की बातचीत का प्रमुख अंश..।
सवाल : 17 करोड़ रुपये कॉलेज को मिला था लेकिन अबतक कैथ लैब नहीं बन सका।
-योगेंद्र प्रसाद, बालीगुमा।
जवाब : पूर्व में कुछ फंड मिला था। उस राशि से कैथ लैब तैयार हो गया है। जिसका लाभ हृदय रोगियों को मिलेगा। सवाल : कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल खुलना था, उसका क्या हुआ।
-मो. शमीम, जवाहरनगर।
जवाब : 500 बेड खोलने का प्रक्रिया पूरी हो गई है। जल्द ही टेंडर निकलेगा। उसके बाद शिलान्यास होगा। सवाल : एमजीएम अस्पताल में जाने से बदबू तेज आती है। मुंह पर रुमाल रखकर वार्ड में जाना पड़ता है। वहीं डॉक्टर भी समय पर नहीं आते।
-साधना चक्रवर्ती, कदमा।
जवाब : अस्पताल में साफ-सफाई होनी चाहिए। मैं इसे देखता हूं। जल्द ही हमलोग पास सिस्टम शुरू करने जा रहे हैं। डॉक्टर नहीं आते हैं तो उसकी शिकायत तत्काल करें। सवाल : मरीज को दवा नहीं मिल पाती। दवा होने के बावजूद डॉक्टर बाहर की दवा लिख देते हैं।
-विकास कुमार, मानगो।
जवाब : डॉक्टरों को अस्पताल की ही दवा लिखने का निर्देश जारी किया गया है। नहीं लिखते है तो इसकी जांच की जाएगी और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ उचित कार्रवाई होगी। सवाल : अस्पताल में जन औषधि केंद्र कब तक खुलेगा।
-अरविंद सिंह, साकची।
जवाब : अस्पताल में जन औषधि केंद्र नहीं खुलेगा। क्योंकि यहां सभी दवाएं निश्शुल्क मिलती है। बाहर में कोई भी व्यक्ति जेनरिक दवा की दुकान खोल सकता है। सरकार भी उन्हें मदद करेगी। सवाल : एमजीएम में बच्चों की मौत लगातार हो रही है। इसका क्या कारण है।
-पपायी चक्रवर्ती, भाटिया बस्ती।
जवाब : जिन बच्चों की मौत होती है उनका वजन काफी कम होता है। वहीं गर्भवती महिलाओं की जांच भी सभी ढंग से नहीं हो पा रही है जिसके कारण बच्चों की मौत हो रही है। इसे रोकने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रही है। 20 बेड का एनआइसीयू खोला जा रहा है। सवाल : मैं कुछ दिन पहले एमजीएम में भर्ती था। उस दौरान मेडिकल वार्ड में पानी नहीं था, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी।
-बिंट्टू कुमार, गोविंदपुर।
जवाब : पानी की समस्या जरूर है। इसके लिए बुधवार को ही जुस्को के साथ बैठक रखी गई है, ताकि उसे दूर किया जा सके।
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