Move to Jagran APP

फौलाद की जमीन पर पड़े फिल्मों के बीज

वीरेंद्र ओझा, जमशेदपुर : जागरण फिल्म फेस्टिवल का नौवां संस्करण एक बार फिर जमशेदपुर में दस्

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 06:55 PM (IST)
फौलाद की जमीन पर पड़े फिल्मों के बीज
फौलाद की जमीन पर पड़े फिल्मों के बीज

वीरेंद्र ओझा, जमशेदपुर : जागरण फिल्म फेस्टिवल का नौवां संस्करण एक बार फिर जमशेदपुर में दस्तक देने को है, जिसका आगाज तीन अगस्त से होगा। लाजिमी है कि अगले कुछ दिनों तक यहां फिल्मों की चर्चा रहेगी। ऐसे समय में यह याद करना प्रासंगिक होगा कि लौहनगरी की धरती फिल्मों के दृष्टिकोण से कितनी उर्वरा है। इसे झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी यूं ही नहीं कहा जाता है। यहां कला-संस्कृति के बीज करीब पचास के दशक से ही पड़ गए थे। उन दिनों पृथ्वी थियेटर ने यहां के मिलानी हॉल में करीब एक सप्ताह तक मंचन किया था, जिसमें पृथ्वीराज कपूर से लेकर राजकपूर, रणधीर कपूर व शशिकपूर समेत पूरी टीम शामिल थी। देश की कई नामीगिरामी फिल्मी हस्तियां यहां आ चुकी हैं, जिनमें धर्मेद्र, शर्मिला टैगोर, संजीव कुमार, अशोक कुमार, कबीर बेदी, राजेश बेदी, लिलिपुट, नादिरा बब्बर, अन्नू कपूर, पाश्‌र्र्वगायकों में मन्ना डे, हेमंत कुमार, एसडी बर्मन, अनु मल्लिक, अनवर, दलेर मेहंदी आदि शामिल हैं। पाश्‌र्र्वगायक शान व सागरिका तो इसी मिट्टी में पले-बढ़े हैं। बहरहाल, बात फिल्मों की हो रही है, तो यहां की धरती शुरू से फिल्मकारों को लुभाती रही है। आज झारखंड सरकार द्वारा फिल्म नीति बनाए जाने के बाद मुंबई समेत दूसरे राज्यों के फिल्मकार काफी संख्या में आ रहे हैं, लेकिन जब यह नीति नहीं थी, तब भी यहां अच्छी और बड़े बजट की फिल्में बनती रही हैं। संथाली-नागपुरी फिल्में बिना किसी प्रोत्साहन के बनती थीं, जिसमें तेजी आने की उम्मीद है। यहां उन फिल्मों की चर्चा हो रही है, जो बड़े बजट में बनीं और चर्चित रहीं।

loksabha election banner

-------------

दलमा की वादियों में बनी थी 'सत्यकाम'

- करीब एक माह तक थी निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी की टीम

लौहनगरी की धरती, खासकर प्राकृतिक छटा को सबसे पहले निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने अपने कैमरे में कैद किया। उन्होंने यहां फिल्म 'सत्यकाम' बनाई थी, जो सुपरहिट भी हुई। 1969 में प्रदर्शित इस फिल्म में धर्मेद्र, शर्मिला टैगोर, संजीव कुमार व अशोक कुमार के साथ शहर के मनमोहन ने भी अभिनय किया था। लगभग एक माह तक 'सत्यकाम' की टीम बिष्टुपुर स्थित होटल बुलेवर्ड में ठहरी थी। फिल्म की शूटिंग दलमा, डिमना, चौका, चांडिल, घाटशिला, फूलडुंगरी आदि स्थानों पर हुई थी। फिल्म के निर्माता शेरजंग सिंह थे, जबकि गीत कैफी आजमी और संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने दिया था। फिल्म की शूटिंग खत्म होने पर डिमना स्थित टाटा स्टील के गेस्ट हाउस में निर्देशक की ओर से पार्टी भी दी गई थी, जिसमें टाटा स्टील और शहर के चुनिंदा लोग भी शामिल हुए।

----------

शहर में बनी थी उड़ान

वर्ष 2009 में निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी ने किशोरों-युवाओं की मनोदशा पर आधारित फिल्म 'उड़ान' बनाई थी, जिसकी अधिकांश शूटिंग शहर में ही हुई। लगभग डेढ़ माह तक फिल्म की यूनिट जमशेदपुर में रही। निर्माता संजय सिंह, अनुराग कश्यप व रोनी स्क्रूवाला की इस फिल्म में वैसे तो मुख्य भूमिका में रोनित राय, राम कपूर, आनंद तिवारी, मनजीत सिंह, वरुण खत्री व सुमंत मस्तकर थे, लेकिन इसमें शहर के कई कलाकारों ने भी काम किया। यह फिल्म बॉक्स आफिस पर तो हिट नहीं हुई, लेकिन फिल्म समीक्षकों-दर्शकों से काफी सराहना मिली। इस फिल्म की यहां स्क्रीनिंग भी हुई।

------

बेल्डीह लेक फ्लैट में हुई थी बबलगम की शूटिंग

लौहनगरी में 2010 में फीचर फिल्म 'बबलगम' की शूटिंग हुई थी, जिसमें मुख्य भूमिका अभिनेता सचिन खेडेकर व अभिनेत्री तन्वी आजमी ने निभाई। फिल्म की मूल कहानी का फिल्मांकन बेल्डीह लेक फ्लैट में हुआ। लगभग चार करोड़ की लागत से बनी निर्देशक संजीवन लाल की यह फिल्म जमशेदपुर पर ही आधारित है। फिल्म की कहानी 1980 के दशक में लौहनगरी में रह रहे एक छोटे परिवार की है, जिसमें बड़ा बेटा मूक-बधिर और छोटा सामान्य है। सचिन व तन्वी पिता व माता का किरदार निभा रहे हैं। इसमें बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ माता-पिता के साथ उनके बदलते रिश्ते को दर्शाया जाएगा। फिल्म की शूटिंग जुबिली पार्क व डिमना लेक, हुडको डैम सहित अन्य स्थानों पर भी हुई।

--------------

अजब सिंह की गजब कहानी

बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक का दौर चल रहा है, जिसमें 'एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' के बाद झारखंड की एक और शख्सियत आयकर उपायुक्त अजय कुमार सिंह की बायोपिक आई है। इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग जमशेदपुर में हुई। अजय सिंह की कहानी पर आधारित फिल्म में लेखक-निर्देशक ऋषिप्रकाश मिश्रा ने मारधाड़, एक्शन, रोमांस, थ्रिल से लेकर वे सारे मसाले डाले, जो फिल्मों की सफलता के फार्मूले माने जाते हैं। इसमें अजय कुमार सिंह के अलावा फिल्म में उनके बचपन का किरदार निभाने वाले शहर के मास्टर अथर्व राज, सतनाम कौर समेत बतौर अतिथि पूर्वी सिंहभूम के अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) सुबोध कुमार, आयकर आयुक्त डॉ. श्वेताभ सुमन, फिल्म निर्माता विनोद कुमार आदि शामिल रहे।

----------

अनुपम ने की दो फिल्मों की शूटिंग

इसे संयोग ही कहा जाएगा कि बॉलीवुड के दिग्गज चरित्र अभिनेता अनुपम खेर ने जमशेदपुर में बनी दो फिल्मों में काम किया। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक 'एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' और अभिनेता-निर्देशक प्रभात भट्टाचार्य की फिल्म 'कानू' की शूटिंग के लिए अनुपम खेर जमशेदपुर आए। 2016 में दोनों फिल्मों की शूटिंग कुछ-कुछ दिनों के अंतराल पर हुई। चूंकि दोनों फिल्में खेल पर आधारित हैं, लिहाजा इनकी शूटिंग कीनन स्टेडियम और जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स काम्प्लेक्स में हुई थी। फिल्म 'कानू' अभी तक रिलीज नहीं हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.